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नहीं सुनाई दे रहे भक्तिपूर्ण गानों की गूंज

बेल्याधिवास के साथ ही शुक्रवार से मां दुर्गा का दरबार भक्तों के लिए खोल दिया गया है। चक्रधरपुर समेत अनुमंडल के सभी अंचलों में श्रद्धाभाव से मां की पूजा अर्चना प्रारंभ हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 07:46 PM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 07:46 PM (IST)
नहीं सुनाई दे रहे भक्तिपूर्ण गानों की गूंज
नहीं सुनाई दे रहे भक्तिपूर्ण गानों की गूंज

जासं, चक्रधरपुर : बेल्याधिवास के साथ ही शुक्रवार से मां दुर्गा का दरबार भक्तों के लिए खोल दिया गया है। चक्रधरपुर समेत अनुमंडल के सभी अंचलों में श्रद्धाभाव से मां की पूजा अर्चना प्रारंभ हो गई है। लेकिन इस बार वैश्विक महामारी कोविड-19 यानी कोरोना का इफेक्ट पूजनोत्सव पर भारी प्रभाव पड़ रहा है। सरकार एवं मेडिकल विभाग के गाइडलाइन के मुताबिक पूजा एवं मंदिर समितियों को पूजनोत्सव में पूरी एहतियात बरतनी पड़ रही है। सख्त निर्देश होने के कारण इस बार अधिकतर पूजा समितियों ने मूर्तियों एवं पंडालों के निर्माण में अधिक ध्यान नहीं दिया है। विद्युत साथ साज सज्जा और भीड़ भाड़ नहीं करने के निर्देश का पालन किया जा रहा है। पूजा समितियां ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग नहीं कर रही हैं। यानी इस बार का दुर्गोत्सव कई मायने में बहुत ही अलग है। पंडालों में भक्ति पूर्ण गानों की गूंज नहीं सुनाई पड़ रही है। मंदिर एवं पंडालों में शांतिपूर्ण एवं सादगी पूर्वक मां की आराधना की जा रही है। हां, सुबह कलश या घट यात्रा के दौरान पारंपारिक वाद्य यंत्र का उपयोग किया गया। पूजनोत्सव को लेकर पहले की तरह शहर में चहल पहल नहीं देखी जा रही है।

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