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सपनों की उड़ान को 'प्रयास' भर रहा बच्चों के जीवन में रंग

मशहूर शायर मजरूह सुल्तानपुरी की यह पंक्ति- मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मं•ालि मगर लोग साथ आते गए और कारवां बनता गया- चक्रधरपुर के शिक्षाविद केशव मिश्र पर सटीक बैठती है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 07:07 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 07:07 PM (IST)
सपनों की उड़ान को 'प्रयास' भर रहा बच्चों के जीवन में रंग
सपनों की उड़ान को 'प्रयास' भर रहा बच्चों के जीवन में रंग

राहुल हेम्ब्रोम, चक्रधरपुर (पश्चिमी सिंहभूम) : मशहूर शायर मजरूह सुल्तानपुरी की यह पंक्ति- मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मं•ालि मगर लोग साथ आते गए और कारवां बनता गया- चक्रधरपुर के शिक्षाविद केशव मिश्र पर सटीक बैठती है। पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत

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चक्रधरपुर शहरी क्षेत्र के मलिन बस्ती के रूप में चर्चित कुदलीबाड़ी की फिजा बदलने को केशव मिश्र ने जनवरी 2015 में पहल की और 65 बच्चों के साथ उनके सर्वांगीण विकास को 'मिशन एक प्रयास' की नींव रखी। टीम लीडर केशव मिश्र को सबका साथ मिलने लगा। साईं मांटेसरी इंग्लिश स्कूल के संस्थापक सह निदेशक केशव मिश्र की अगुआई में कुदलीबाड़ी में निश्शुल्क अध्ययन केंद्र की स्थापना की गई। तदुपरांत शहर के हरिजन बस्ती में भी निश्शुल्क अध्ययन केंद्र की स्थापना हुई। बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा देने का यह सिलसिला अब शहर से गांव तक जा पहुंचा है। आज चक्रधरपुर के ग्रामीण क्षेत्रों मेरमेरा, सुरबुड़ा, आराहांगा, बांदोडीह और तिलोपदा में स्थापित अध्ययन केंद्रों में संबंधित गांव के गरीब, वंचित बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं। बच्चे बेवजह नहीं घूमते। उन्हें नियमित कोचिग दी जा रही है। बच्चों को प्रारंभिक एवं माध्यमिक से लेकर कालेज तक की निश्शुल्क कोचिग कराई जा रही है। बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के साथ ही अच्छे संस्कार, स्वच्छता, स्वस्थ एवं सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है। वार्षिक समारोह, वनभोज, खेलकूद, जयंती, राष्ट्रीय दिवस, प्रतियोगिता आदि का आयोजन कर बच्चों को हर तरह से भविष्य के लिए सशक्त बनाया जा रहा है।

किस केंद्र में कितने बच्चे एवं शिक्षामित्र -कुदलीबाड़ी :175 बच्चे- 7 शिक्षामित्र

-हरिजन बस्ती : 150 बच्चे- 5 शिक्षामित्र

-मेरमेरा : 60 बच्चे- 5 शिक्षामित्र

-बांदोडीह : 60 बच्चे- 3 शिक्षामित्र

-सुरबुड़ा 30 बच्चे- 2 शिक्षामित्र

-आराहांगा 30 बच्चे- 2 शिक्षामित्र

-तिलोपदा 25 बच्चे- 2 शिक्षामित्र

पाठ्य सामग्री लेते अनुदान, शिक्षामित्रों को कराते तैयारी मिशन एक प्रयास विभिन्न संगठनों एवं समाजसेवियों से अनुदान लेकर अध्ययन केंद्र संचालित करता है। प्रयास बच्चों के लिए स्टडी मैटेरियल्स, खेलकूद सामग्री आदि सहयोग के रूप में प्राप्त कर अध्ययन केंद्रों को उनकी आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराता है।वहीं अध्ययन केंद्र में बच्चों को पढ़ाने के बदले में शिक्षामित्रों की उच्चतर शिक्षा, कोचिग और कम्पीटिशन एक्जाम की तैयारी कराने का जिम्मा प्रयास ने ले रखा है।

शिक्षामित्रों व अभिभावकों की होती मासिक बैठक प्रयास की नियमित बैठक होती है, ताकि केंद्रों को निर्बाधित रूप से संचालित किया जा सके। सभी अध्ययन केंद्रों के शिक्षामित्रों की समीक्षा और प्लानिग बैठक हर माह के पहले हफ्ते होती है।जबकि बच्चों के अभिभावकों की फीडबैक बैठक माह के अंतिम सप्ताह में होती है। कार्यक्रमों को देखते हुए आपात बैठकर बुलाकर रूपरेखा तैयार की जाती है।

हमारा विजन हर बच्चा पढ़े और बढ़े आगे : केशव मिशन एक प्रयास के टीम लीडर केशव मिश्र का कहना है कि हमारा विजन हर बच्चे को पढ़ाना और जीवन में आगे बढ़ाना है। खासकर गरीब, वंचित, पिछड़े इलाके के बच्चे पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते हैं। कारण चाहे जो भी हो, ऐसे बच्चों की पढ़ाई कराने का हमने बीड़ा उठाया है। इसके लिए गांवों में मुखिया, मुंडा एवं प्रबुद्ध लोगों के साथ बैठक कर अध्ययन केंद्र स्थापित की जा रही है।


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