चार बच्चों की मां ने दूसरे के साथ बसाया घर, भूख से बिलख रहे बच्चे
जन्मदात्री मां क्या इतनी निष्ठुर हो सकती है? वात्सल्य ममता के ऊपर क्या भारी पड़ सकता है दूसरे पुरुष का प्यार!
संवाद सूत्र, बड़बिल : जन्मदात्री मां क्या इतनी निष्ठुर हो सकती है? वात्सल्य, ममता के ऊपर क्या भारी पड़ सकता है दूसरे पुरुष का प्यार! ऐसे कुछ अनसुलझे प्रसंगों का जवाब हां में बदलते देखा गया है। घटना केंदुझर जिला के झुमपुरा प्रखंड अंतर्गत धनुरजयपुर ग्रापं गंडपरी ग्राम की है। गणेश चतुर्थी के दिन स्व. बीरसिंह मुंडा की विधवा पत्नी राइमुनी मुंडा अपने चार बच्चों को असहाय अवस्था में घर में छोड़कर अन्य पराए पुरुष के साथ चली गई। राइमुनी के जाने के बाद चारों बच्चों की हालत असहाय ही नहीं, वरन वेदनादायक और चिंताजनक हो गई है। मां के छोड़कर जाने के चार दिन तक बच्चों को एक अन्न का दाना नसीब नहीं होने पर बच्चे पानी के सहारे दिन गुजारते रहे। घटना की खबर पाकर बच्चों की बुआ सोमवारी मुंडा जो स्वयं विधवा व असहाय है, चारों बच्चों के पास पहुंच देखभाल कर रही है। खबर चर्चा में होने के बाद धनुरजयपुर सरपंच यशचंद्र नायक ने चावल और पांच सौ रुपये बच्चों के खाने के लिए सहायता की। इसके बाद झुमपुरा प्रखंड पदाधिकारी जयश्री बेहेरा को स्थिति से अवगत कराया गया। प्रखंड विकास पदाधिकारी जयश्री बेहेरा ने सहायता का आश्वासन देते हुए कहा है कि डीसीपीओ चाइल्ड हेल्प लाइन को सूचित किया गया है। उक्त बच्चों के रख रखाव और शिक्षा के लिए प्रयास करेंगे। राइमुनी के पति का पिछले साल ही निधन हुआ है।