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मनुष्य को बुराईयों से मुक्ति दिलाने को पुनर्जीवित हुए ईसा मसीह : फादर रंजीत

ईसा मसीह ने मनुष्य को बुराईयों से मुक्ति दिलाने के लिए पुनर्जन्म लिया है। ईसा मसीह के पुनर्जन्म का अर्थ है कि हम मानव अपने स्वार्थ की जिंदगी से दूर होकर नए तरीके से परोपकार त्याग क्षमा और प्रेम का मार्ग अपनाएं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Apr 2021 07:20 PM (IST)Updated: Sun, 04 Apr 2021 07:20 PM (IST)
मनुष्य को बुराईयों से मुक्ति दिलाने को पुनर्जीवित हुए ईसा मसीह : फादर रंजीत
मनुष्य को बुराईयों से मुक्ति दिलाने को पुनर्जीवित हुए ईसा मसीह : फादर रंजीत

जागरण संवाददाता, चाईबासा : ईसा मसीह ने मनुष्य को बुराईयों से मुक्ति दिलाने के लिए पुनर्जन्म लिया है। ईसा मसीह के पुनर्जन्म का अर्थ है कि हम मानव अपने स्वार्थ की जिंदगी से दूर होकर नए तरीके से परोपकार, त्याग, क्षमा और प्रेम का मार्ग अपनाएं। ये बातें रोमन कैथोलिक चर्च में ईस्टर संडे की प्रार्थना सभा में कैथोलिक विश्वासियों को उपदेश देते हुए फादर रंजीत मिज ने कहीं। उन्होंने कहा कि मानव संसार में अपना स्वार्थ पूरा करने के लिए कई तरह के बुरे कर्म कर डालता है। हम कभी-कभी अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए दूसरे को नुकसान पहुंचाते हैं। इन्हीं बुराईयों के प्रति पश्चाताप का अवसर प्रदान करने के लिए ईसा मसीह मरने के तीन दिन बाद पुनर्जीवित हुए। हमें ईसा के पुनर्जीवन का मतलब समझना चाहिए और बुराईयां त्यागकर सेवा के मार्ग पर चलने की जरूरत है। प्रार्थना के समय कान्वेंट की सिस्टरों की अगुवाई में विश्वासियों ने ईसा के पुनर्जीवन से संबंधित सामूहिक गीत 'मुक्तिदाता यीशु जी उठा' गाया। सभी विश्वासियों ने एक-दूसरे को ईसा के पुनर्जीवन की बधाईयां दी। इससे पूर्व शनिवार देर रात को जेवियर स्कूल मैदान में चर्च के विभिन्न यूनिट के ईसाई परिवार के लोगों ने जागरण प्रार्थना की। जागरण प्रार्थना में ईसा के पुनर्जीवन से संबंधित झांकियां प्रस्तुत की गईं। मौके पर पल्ली पुरोहित फादर हालेन बोदरा की अगुवाई में विशेष जागरण प्रार्थना हुई। ईसा के पुनर्जीवन काल आने पर विश्वासियों ने खुशी जाहिर करते हुए एक-दूसरे को हाथ मिलाकर बधाई दी। मौके पर संजीव कुमार बालमुचू, रंजीत मुंडु और रोबिन बालमुचू की अगुवाई में कोयर दल ने भक्ति गीत गाया। मौके पर फादर सहाय थासन, आशीष बिरुवा, फिलिप तोपनो, लियानार्ड तोपनो, भगवान तोपनो, धीरसेन धान, सिस्टर नीलिमा, सिस्टर बलमदीना, ब्रदर अनिल, जगरानी सुंडी, मालती सिकू, रोयलेन तोपनो, दीपिका देवगम, कल्पना देवगम, जेम्स गागराई, प्रहलाद बलमुचू, किशोर तामसोय, ब्रजमोहन तामसोय, सामु देवगम, गंगामोती दोंगो, फुलजेम्स, डाहंगा, जेम्स सोय समेत काफी संख्या ईसाई समुदाय के महिला-पुरुष व युवा शामिल थे।

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