बारिश के बीच उगते सूर्य को अर्घ्य देकर भगवान से मांगी दुआएं
उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देकर शनिवार को छठ पूजा संपन्न हो गई। छठ पूजा मनाने वाले व्रतियों ने 36 घंटे का निर्जला व्रत रखकर कड़ी साधना करके सूर्य से अपनी कृपा बनाए रखने की प्रार्थना की।
जागरण संवाददाता, चाईबासा : उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देकर शनिवार को छठ पूजा संपन्न हो गई। छठ पूजा मनाने वाले व्रतियों ने 36 घंटे का निर्जला व्रत रखकर कड़ी साधना करके सूर्य से अपनी कृपा बनाए रखने की प्रार्थना की। पश्चिम सिंहभूम जिले के चाईबासा, झींकपानी, हाटगम्हरिया, जगन्नाथपुर, नोवामुंडी, बड़ाजामदा, गुआ, किरीबुरू व ओडिशा के बड़बिल में अस्ताचलगामी व उदयीमान सूर्य को अर्घ्य दिया गया। महिलाओं ने छठी मइया और सूर्य भगवान से अपनी संतानों, पति व परिवार की खुशियां मांगी। इसके बाद उन्होंने अपने निर्जल व्रत का पारायण किया। चाईबासा के करणी मंदिर स्थित रोरो नदी छठ घाट, कुम्हारटोली व पुलहातु तथा कुजू नदी छठ घाटों पर व्रतियों के अलावा परिवार के सदस्यों की भीड़ उमड़ी थी। इससे पहले महिलाओं ने शुक्रवार की शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा-अर्चना की। शुक्रवार की शाम तीन बजे से ही नदी, तालाब व पोखरों पर महिलाएं पूजा के लिए पहुंच गईं और शाम ढलने के बाद सूर्य को अर्घ्य देकर घर लौटीं। चार दिवसीय छठ पूजा के समापन के दिन नदी घाटों पर महिलाओं ने पारंपरिक तरीके से पूजा-अर्चना की। हिदू परंपरा के अनुसार विशेष रूप से बिहार, झारखंड और यूपी में श्रद्धालु सूर्य देव और उनकी पत्नी ऊषा की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं। करणी मंदिर छठ घाट पर सदर अनुमंडल पदाधिकारी शशींद्र कुमार बड़ाइक, सदर एसडीपीओ अमर कुमार पांडेय व नगर परिषद के पदाधिकारी व कर्मचारी पहुंचे हुए थे। साथ ही माइक से शारीरिक दूरी का पालन करने की सलाह भी दे रहे थे। शुक्रवार शाम छठव्रतियों के अर्घ्य देने के समय अचानक मौसम परिवर्तन हो गया और तेज हवाएं चलने लगी। इसके साथ ही हल्की बूंदा-बांदी शुरू हो गयी जो रात भर होते रही। सुबह छठव्रतियों को नदी पर उगते सूर्य को अर्घ्य देने में थोड़ी दिक्कत हुई लेकिन छठ मईया की कृपा से बारिश रुक गई और सभी छठव्रतियों व श्रद्धालुओं ने अर्घ्य देकर समापन किया।