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दो बेटियों के साथ हेमवती गुजार रही लाचारी की जिंदगी

पश्चिम सिंहभूम के कुमारडुंगी प्रखंड में आम जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। इसका ताजा उदाहरण पोखरिया गांव की विधवा महिला हेमवती पिगुवा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 09:07 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 05:17 AM (IST)
दो बेटियों के साथ हेमवती गुजार रही लाचारी की जिंदगी
दो बेटियों के साथ हेमवती गुजार रही लाचारी की जिंदगी

मनीष कुमार दास, कुमारडुंगी : पश्चिम सिंहभूम के कुमारडुंगी प्रखंड में आम जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। इसका ताजा उदाहरण पोखरिया गांव की विधवा महिला हेमवती पिगुवा है। हेमवती को न सरकारी राशन मिलता है न ही सरकार की ओर से मिलने वाला पेंशन। पति की मौत के बाद एक छोटा सा नाश्ता होटल चलाकर हेमवती अपनी बेटियों को पाल रही है लेकिन उस होटल को भी हटाने का स्थानीय ग्रामीण मुंडा ने आदेश दिया है, अगर यह होटल भी टूट गया तो हेमवती के सामने भुखमरी की स्थिति आ जाएगी।

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हेमवती की दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी सात वर्ष की सरस्वती पिगुवा मध्य विद्यालय पुखरिया में दूसरी कक्षा में पढ़ती है। बेटी को टीबी की बीमारी है। दरअसल हेमवती पिगुवा के पति कप्तान पिगुवा की मौत 2017 में एक सड़क दुर्घटना में हो गई थी। पति के मौत के तीन वर्ष बाद भी उसको सरकार की विधवा पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। खाद्य आपूर्ति विभाग ने भी अपनी लापरवाही का सबूत देते हुए उसको राशन से वंचित कर रखा है। महिला के पास रहने के लिए ना तो सुरक्षित मकान है और ना ही शौचालय।

जीने की आस बने नाश्ता होटल को भी सरकार ने हटाने का दिया आदेश

लाचार विधवा सभी सरकारी योजनाओं से वंचित होने पर नाश्ता का एक छोटा सा होटल चलाकर अपनी दो मासूम बच्चियों का भरण-पोषण कर रही है। कुछ दिन पहले पुखरिया गांव के ग्रामीण मुंडा गंगाराम पिगुवा ने उसे जगह खाली करने का आदेश दिया है। सड़क किनारे बने बांस के शेड को भी तोड़वा दिया है। शेड टूटने से मजबूरी में हेमवती एक तिरपाल लगाकर फिलहाल होटल को चला रही है। हेमवती बताती है कि यहां होटल बंद होने के बाद भुखमरी की स्थिति आ जाएगी। जमीन जायदाद भी नहीं है कि खेतीबाड़ी कर लें इसलिए दोनों बेटियों को जहर देकर खुद भी मर जाएगी।


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