बड़ानंदा-डांगोवापोसी सड़क का निर्माण रैयतों ने रोका
संवाद सूत्र जगन्नाथपुर जगन्नाथपुर में करीब 17 करोड़ की लागत से करीब सात किलोमीटर लंबी ब
संवाद सूत्र, जगन्नाथपुर : जगन्नाथपुर में करीब 17 करोड़ की लागत से करीब सात किलोमीटर लंबी बड़ानंदा-डांगोवापोसी सड़क का निर्माण कार्य स्थानीय रैयतों ने बुधवार को रोक दिया है। ग्रामीणों को आरोप है कि सड़क निर्माण में बड़ानंदा, सारबिल व डांगोवापोसी गांव के ग्रामीणों की जमीन गई है मगर उन्हें मुआवजा अभी तक नहीं मिला है। योजना 2017 की ही है। इस विषय को लेकर बुधवार को रैयतों व ग्रामीणों की बैठक सारबिल में कृष्णा सिकु की अध्यक्षता में दूसरी बार हुई। बैठक में पीडब्ल्यूडी के कनीय अभियंता पवन सिंह और मुंशी भी शामिल हुए। बैठक में जेई द्वारा कई बिंदुओं पर बातचीत कर सुलहनामा करने का प्रयास किया गया पर कोई नतीजा नहीं निकला। रैयतों ने कहा कि विभाग पहले मुआवजा दे, तभी सड़क का निर्माण करने दिया जाएगा। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि सड़क निर्माण के दौरान कई खेतों में जगह जगह पत्थर व अन्य निर्माण सामग्री गिराई गयी है, उसे हटाया जाए। जानकारी हो कि विगत शनिवार को मुआवजा नहीं मिलने से खार खाये रैयतों व ग्रामीणों ने बैठक कर सड़क निर्माण नहीं होने देने का पूर्व में निर्णय ले चुके थे। इसके बाद यह बैठक बुधवार को जेई के साथ समझौता के लिए हुई। इन रैयतों को पिछले करीब तीन साल से विभाग मुआवजा के बदले सिर्फ आश्वासन देता आ रहा है। बैठक में कृष्णा सिकु, जयकिशन बोबोंगा, पचाय बोबोंगा, चंद्रमोहन केराई, मंगल केराई, आशा देवी, वार्ड सदस्य फुलम सिकु, मधुसूदन सिकु सहित अन्य रैयत व ग्रामीण उपस्थित थे। मुआवजा राशि के लिए डिमांड भेजी गई है : कनीय अभियंता
कनीय अभियंता विपीन कुमार ने बताया कि भू-अर्जन विभाग को मुआवजा की कुछ राशि का भुगतान विभाग ने किया है पर भू-अर्जन विभाग का कहना है कि सभी रैयतों का मुआवजा मिल जाने से सबको एकसाथ मुआवजा देने में आसानी होगी। मुआवजा राशि के लिए डिमांड भेजा है। लॉकडाउन के कारण विलम्ब हो रहा है। संभवत: तीन माह के अंदर समस्या का समाधान हो जाएगा।