संभल जाइये! त्योहारी सीजन में बढ़ सकता है कोरोना वायरस का संक्रमण
पश्चिमी सिंहभूम जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है। आने वाले दिनों में यह खतरा और बढ़ सकता है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि कुछ ही समय बाद त्योहारी सीजन आने वाला है।
सुधीर पांडेय, चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है। आने वाले दिनों में यह खतरा और बढ़ सकता है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि कुछ ही समय बाद त्योहारी सीजन आने वाला है। खासकर दशहरे व दीपावली का त्योहार। इन दिनों में शहर में वायु प्रदूषण चरम पर पहुंच जाता है। यह वायु प्रदूषण कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को बढ़ा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय चाईबासा और इसके आसपास के इलाकों में एक्यूआई वर्तमान में संतोषजनक है लेकिन आने वाले दिनों में इसमें परिवर्तन हो सकता है और चार चीजें मसलन एक्यूआई, पीएम 2.5, नाइट्रोजन डाइआक्साइड और तापमान में परिवर्तन के कारण सार्स कोवी-2 ट्रांसमिशन के मामले बढ़ सकते हैं। टाटा कॉलेज में रसायन शास्त्र के विभागाध्यक्ष सह शोधकर्ता डाक्टर ब्रजेश कुमार के अनुसार वायु प्रदूषण एक अनुसंधान पर केंद्रित रहा है क्योंकि यह मानव स्वास्थ्य के लिए एक प्रमुख पर्यावरणीय खतरा है। पर्याप्त साक्ष्य ने कई श्वसन रोगों की घटना के लिए परिवेशी वायु प्रदूषण को कारण बताया है। इसके अलावा, वायु प्रदूषण भी संक्रामक रोगों के संचरण से जुड़ा हुआ है। उदाहरण के लिए बदतर वायु गुणवत्ता को गंभीर तीव्र श्वसन सिड्रोम (सार्स) घातकता के साथ-साथ इन्फ्लूएंजा की घटनाओं को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण स्त्रोत हो सकता है। हालांकि, चाहे परिवेशी वायु प्रदूषक वास्तविक स्थिति में कोविड-19 की बढ़ी हुई घटनाओं से जुड़े हों, काफी हद तक अज्ञात बने हुए हैं। परिवेशी वायु प्रदूषकों और कुछ मौसम संबंधी फैक्टर सहित कई कारक इन्फ्लूएंजा व्यवहार्यता और वायरल संचरण को प्रभावित कर सकते हैं। एक्यूआई यानी वायु की गुणवत्ता में कमी, पीएम (10 मिमी और 2.5 मिमी) और नाइट्रोजन डाइआक्साइड की वृद्धि और तापमान में गिरावट से कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ेगा। पीएम वायरल ट्रांसमिटेशन को पोटेंशियल कर सकता है और पीएम से वायरस के जुड़ाव के कारण लंबी अवधि के लिए विभिन्न श्वसन संबंधी बीमारियों का कारण बनता है और वायरस को एयरबोर्न रूट द्वारा प्रसारित करने की अनुमति देता है। इसके अतिरिक्त पीएम 2.5 मानव श्वसन बाधा अखंडता को बाधित कर सकता है। दूसरी ओर, बाहरी नाइट्रोजन डाइआक्साइड एकाग्रता की अल्पकालिक वृद्धि भी ऊपरी श्वसन पथ के संक्रमण के खतरे को बढ़ा सकती है, विशेष रूप से बच्चों में मेजबान प्रतिरक्षा में कमी, और फेफड़ों की चोट और कोरोनो वायरस संक्रमण का कारण यह बन सकता है। कोरोना वायरस संक्रमण गर्मियों की तुलना में सर्दियों में अधिक कुशलता से प्रसारित होता है।
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चाईबासा में वायु प्रदूषण बहुत अच्छा नहीं
चाईबासा में अभी एक्यूआई 76 है। यह फिलहाल संतोषजनक है। अगर यह 100 से ऊपर चला जायेगा तो स्थिति चिताजनक बन सकती है। पीएम 2.5 की रेंज 100 है यानि यह अच्छा नहीं है। ठंड बढ़ने व वायु प्रदूषण होने पर यह स्थिति और खराब हो जायेगी। पीएम 10 की रेंज 165 है। पीए 2.5 ही कोरोना वायरस का मुख्य वाहक है।