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गौड़ समाज के कब्रिस्तान में लाखों के पेड़ों की कटाई

मझगांव-कुमारडुंगी प्रखंड सीमा पर स्थित कुमारडुंगी प्रखंड के कोकरकाटा गांव के गौड़ साई टोला में गांव के एक व्यक्ति पुलिन चंद्र दास द्वारा गौड़ समाज के कब्रिस्तान में लगे साल पेड़ काटे जाने का विरोध स्थानीय ग्रामीणों ने किया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Aug 2020 12:03 AM (IST)Updated: Sat, 22 Aug 2020 12:03 AM (IST)
गौड़ समाज के कब्रिस्तान में लाखों के पेड़ों की कटाई
गौड़ समाज के कब्रिस्तान में लाखों के पेड़ों की कटाई

संस, चाईबासा : मझगांव-कुमारडुंगी प्रखंड सीमा पर स्थित कुमारडुंगी प्रखंड के कोकरकाटा गांव के गौड़ साई टोला में गांव के एक व्यक्ति पुलिन चंद्र दास द्वारा गौड़ समाज के कब्रिस्तान में लगे साल पेड़ काटे जाने का विरोध स्थानीय ग्रामीणों ने किया है। इसको लेकर शुक्रवार को गांव में ग्रामीणों ने बैठक कर कुमारडुंगी अंचलाधिकारी को लिखित आवेदन देकर शिकायत करने का निर्णय लिया है।

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जानकारी देते हुए ग्रामीण उग्रसेन राउत ने कहा कि हमारे पूर्वजों द्वारा लगभग 16वीं शताब्दी से कब्रिस्तान की जमीन का उपयोग करते हुए आ रहे हैं। जहां काफी संख्या में साल के पेड़ लगे थे। अपनी दबंगता दिखाते हुए पुलिन चंद्र दास ने श्मशान घाट की भूमि पर खड़े लाखों रुपये के पेड़ चोरी से काट लिए हैं। जानकारी लेने पर पुलिन दास ने कहा कि 1964 के सेटेलमेंट में जमीन हमारे नाम से है कह कर कटाई कर रहा है। उग्रसेन ने कहा कि 1964 में सेटेलमेंट हुआ था तो अब तक जानकारी क्यों नहीं दी गई। अचानक 54 साल बाद समाज के कब्रिस्तान को अपना बता कर कब्जा करने की कोशिश की जा रही है। हम ग्रामीण कभी इसे बर्दास्त नहीं करेंगे। इसके खिलाफ ग्रामीण कानूनी कार्रवाई के लिए भी आगे जाएंगे। वहीं पुलिन दास जानकारी दी विगत फरवरी 2019 में अमीन द्वारा हमारा पैमाइशी जमीन खाता संख्या 730 में 1.87 डेसिमिल और खाता संख्या 736 में 1.63 डेसिमिल जमीन की मापी करायी गई थी। उसी को सफाई कराकर तालाब निर्माण कराया जाना था। गौड़ तोपा ( कब्रिस्तान ) की जमीन खाता संख्या 738 में 0.45 डेसिमिल है। गौड़ समाज का आरोप झूठा और बेबुनियाद है। सभी अमीन लाकर जमीन की मापी कराएं। अगर जमीन उनकी निकलती है तो मैं जमीन छोड़ दूंगा और अमीन के खर्च का निर्वाहन भी मैं खुद करूंगा। मौके पर बादु राउत, ध्यानचन्द्र राउत, बिनू राउत, मोहन राउत, दुर्साे राउत समेत अन्य ग्रामीण उपस्थित थे।


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