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पश्चिमी सिंहभूम में बैकफुट पर कोरोना, लगातार कम हो रहे पॉजिटिव केस

जागरण संवाददाता चाईबासा पश्चिमी सिंहभूम में कोरोना बैकफुट पर नजर आने लगा है। जिले में

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Oct 2020 08:44 PM (IST)Updated: Sun, 11 Oct 2020 08:44 PM (IST)
पश्चिमी सिंहभूम में बैकफुट पर कोरोना, लगातार कम हो रहे पॉजिटिव केस
पश्चिमी सिंहभूम में बैकफुट पर कोरोना, लगातार कम हो रहे पॉजिटिव केस

जागरण संवाददाता, चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम में कोरोना बैकफुट पर नजर आने लगा है। जिले में संक्रमित नए केस में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। रविवार को आई रिपोर्ट के अनुसार केवल तीन लोग 11 अक्टूबर को पॉजिटिव पाए गये हैं। ये तीनों ही चाईबासा सदर प्रखंड के हैं। शेष सभी 17 प्रखंडों में रविवार को एक भी कोराना संक्रमित व्यक्ति नहीं मिला है। शनिवार को भी जिले में केवल 21 नये केस सामने आए थे। अभी कोरोना से संक्रमित होने वालों के सापेक्ष ठीक होने वालों की संख्या ज्यादा बढ़ी हो रही है। दो दिन में 102 लोग कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। पश्चिमी सिंहभूम का रिकवरी रेट भी राज्य के रिकवरी रेट से काफी बेहतर नजर आ रहा है। यहां का रिकवरी रेट 90.05 फीसद है। वहीं झारखंड में 85.80 फीसद रिकवरी रेट है। मृत्यु दर अभी भी थोड़ा चिता का विषय है। पश्चिमी सिंहभूम की मृत्यु दर 0.9 है। जिले में वर्तमान में केवल 260 लोग ही अब संक्रमित हैं। 3746 लोग पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। इधर, कोरोना की धीमी होती रफ्तार स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के साथ-साथ आम जनता के लिए भी सुकून भरी खबर है। सप्ताह भर बाद ही त्योहारी सीजन शुरू हो जायेगा। 17 अक्टूबर से दुर्गा पूजा है। आगे दशहरा, दीवाली, छठ और नया साल भी आयेगा। ऐसे में अगर हम अभी कुछ और समय के लिए सावधान व सतर्क रहें तो ये सभी त्योहार हमारे लिए वाकई में खुशियों वाले साबित होंगे। पिछले पांच दिन का आंकड़ा एक नजर में

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तिथि नये केस स्वस्थ्य हुए

07 अक्टूबर 17 33

08 अक्टूबर 34 57

09 अक्टूबर 19 45

10 अक्टूबर 21 52

11 अक्टूबर 03 50

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कोरोनावायरस संक्रमण के संकट काल में दुर्गा पूजा में इन बातों का करें पालन

- दुर्गा पूजा सामान्य रूप से निजी घर या मंदिर में किया जा सकता है तथा जहां परंपरागत रूप से दुर्गा पूजा होता आया है वहां पूजा छोटा पंडाल/मंडप में भी किया जा सकता है परंतु यह केवल धार्मिक अनुष्ठान के निष्पादन के लिए होगा और वहां किसी भी व्यक्ति/भक्त/श्रद्धालु की भागीदारी नहीं होगी।

- दुर्गा पूजा पंडाल/मंडप को चारों ओर इस प्रकार से ढका जाएगा जिससे आम जनों को मूर्ति/प्रतिमा नजर ना आवे तथा मंडप का निर्माण का आधार किसी भी थीम पर नहीं होगा एवं इसके आसपास के क्षेत्र में प्रकाश/सजावट नहीं किया जाएगा साथ ही साथ मंडप एवं इसके आसपास कोई स्वागत द्वार/तोरण द्वार भी नहीं लगाया जाएगा।

- प्रतिमा/मूर्ति के ऊपर केवल पंडाल/मंडप बनाया जाएगा, इसके अलावा बाकी क्षेत्र खुला रहेंगे। मूर्ति/प्रतिमा का आकार 4 फीट से कम होगा तथा पूजा के दौरान किसी भी प्रकार का ध्वनि यंत्र, उद्धोषणा प्रणाली यथा माईक, चोंगा, डीजे सिस्टम आदि का प्रयोग नहीं किया जाएगा एवं पूजा के अवसर पर किसी भी प्रकार के मेले के आयोजन की पूर्णता मनाही रहेगी।

- दुर्गा पूजा के अवसर पर पूजा पंडाल/मंडपों एवं आसपास किसी भी प्रकार का खाद्य स्टॉल नहीं खोला जाएगा तथा पंडाल/मंडप में किसी भी समय सात व्यक्तियों की संख्या (पुजारी, आयोजक एवं अन्य कर्मचारी सहित) से अधिक नहीं होगा।

- इस दौरान किसी भी प्रकार का विसर्जन जुलूस नहीं होगा तथा मूर्ति विसर्जन का स्थान प्रशासन के द्वारा अनुमोदित किया जाएगा एवं इस अवसर पर किसी भी प्रकार का संगीत या कोई अन्य मनोरंजन, सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन नहीं किया जाएगा।

- किसी भी प्रकार का सामुदायिक भोज, प्रसाद या भोग वितरण समारोह आयोजित नहीं होगी तथा आयोजक/पूजा समितियों के द्वारा किसी भी प्रकार का कोई निमंत्रण भी जारी नहीं किया जाएगा।

- पंडाल/मंडप के उद्घाटन के लिए किसी भी प्रकार के सार्वजनिक समारोह के आयोजन की मनाही रहेगी एवं किसी भी सार्वजनिक स्थान पर गरबा/डांडिया कार्यक्रम भी आयोजित नहीं किया जाएगा।

-दशहरा के अवसर पर रावण के पुतले का दहन सार्वजनिक स्थान पर नहीं किया जाएगा तथा सार्वजनिक स्थान पर फेस कवर/मास्क पहनना अनिवार्य होने के साथ-साथ व्यक्तियों के बीच न्यूनतम 6 फीट की दूरी का अनुपालन आवश्यक रहेगा।

- पूजा पंडाल/मंडप में उपस्थित व्यक्तियों के बीच शारीरिक दूरी एवं स्वच्छता से संबंधित केंद्र/राज्य सरकार, जिला प्रशासन द्वारा निर्गत आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा तथा पूजा आयोजित करने वाले समिति/प्रबंधक/आयोजकों को पूजा के दौरान स्थानीय प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का भी अनुपालन अनिवार्य रूप से किया जाना है।


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