टाटा स्टील के जीएम व सीएमओ पर मुकदमा
टाटा स्टील कर्मचारी कांगो मल्लिक ने टाटा स्टील महाप्रबंधक व चीफ मेडिकल ऑफीसर के खिलाफ इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। उसने जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में इलाज के दौरान खर्च हुई राशि को दिलाने के लिए चाईबासा के उपभोक्ता फोरम में हाल में याचिका दायर की है।
जासं, चाईबासा : टाटा स्टील कंपनी के महाप्रबंधक (जीएम) और चीफ मेडिकल ऑफिसर (सीएमओ) के खिलाफ कंपनी के सेवानिवृत्त कर्मचारी कांगो मल्लिक ने जिला उपभोक्ता फोरम में मुकदमा दर्ज कराया है। दोनों अधिकरियों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया है। पीड़ित ने महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) अस्पताल जमशेदपुर में इलाज के दौरान खर्च हुई राशि की मांग की है।
चाईबासा जिला उपभोक्ता फोरम ने कांगो मल्लिक की शिकायत पर सुनवाई के लिए सोमवार की तिथि तय की थी, परंतु कंपनी ने अदालत में आवेदन देकर साक्ष्य जुटाने और अपना पक्ष रखने के लिए तीन सप्ताह का समय मांगा है। कांगो मल्लिक ने कहा है कि काटामाटी खदान में वरीय ऑपरेटर के पद पर कार्यरत थे। 27 अक्टूबर 2015 की रात करीब 11 बजे छाती में अचानक दर्द होने पर छुट्टी लेकर कंपनी अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे। उस समय रात्रि ड्यूटी पर डॉ. चौधरी तैनात थे। उन्होंने भर्ती कर लिया। सुबह होने पर फिजीशियन डॉ. दिनेश कुमार के अधीन इलाज के लिए रेफर कर दिया। डॉ. दिनेश कुमार ने जांच किए बिना लौटा दिया। बाद में टिस्कोकर्मी ने चैंबर जाकर अपनी बात रखी। बावजूद इलाज नहीं कर महिला डॉक्टर नेहा के पास रेफर कर दिया गया। डॉ. नेहा ने एक्स-रे के बाद शरीर में किसी तरह की कोई बीमारी नहीं होने की बात कहकर लौटा दिया। चिकित्सकों की कार्यशैली से परेशान कांगो मल्लिक ने जमशेदपुर स्थित एमजीएम अस्पताल में जांच कराई तो हृदय रोग की पुष्टि हुई। इस दौरान कांगो के एंजियोप्लास्टी में लगभग 2 लाख 41 हजार 541 रुपये खर्च हुए। 30 सितंबर 2017 को वे कंपनी से रिटायर्ड हो गए। इसके बाद इलाज खर्च मुहैया कराने की मांग को लेकर जिला उपभोक्ता फोरम पहुंचे। पैसे दिलाने के लिए वह तत्कालीन महाप्रबंधक और नोवामुंडी माइंस मजदूर यूनियन को मौखिक रूप से शिकायत भी कर चुके हैं।