प्रेमी ने प्रेमिका को जहर देकर की जान से मारने की कोशिश
संवाद सहयोगी, चाईबासा : शादी का रिश्ता तय हो जाने से नाराज प्रेमी ने अपनी प्रेमिका को जहर
संवाद सहयोगी, चाईबासा : शादी का रिश्ता तय हो जाने से नाराज प्रेमी ने अपनी प्रेमिका को जहर देकर जान से मारने की कोशिश की। प्रेमी ने अपने दोस्तों के साथ उसके साथ मारपीट भी की है। प्रेमी युगल का प्रेम प्रसंग पिछले चार वर्षो से चल रहा था। युवक शादी का प्रलोभन देकर चार वर्षो तक उसके साथ शारीरिक संबंध बनाता रहा। इसी बीच युवती का रिश्ता दूसरे जगह तय हो गया। इसकी खबर पाकर युवक नाराज हो गया और युवती को रास्ते में रोक कर उसे अपने साथ ले जाकर घटना का अंजाम दिया। इस संबंध में युवती ने 30 अप्रैल को मझगांव थाना क्षेत्र के खड़पोश गांव के प्रेमी मोहम्मद आशिक समेत सात लोगों के खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी है। दर्ज प्राथमिकी में बताया गया कि खड़पोस गांव की रहने वाली युवती रांची में कॉल सेंटर में काम करती है। अचानक तबीयत खराब होने पर 20 अप्रैल को रांची से खड़पोस गांव लौट आयी थी। इसी बीच युवती को देखने लड़के पक्ष वाले उसके घर पहुंच गये। यहां युवती को पसंद करने के बाद लड़के पक्ष वाले मंगनी की बात तय कर वापस लौट गये। 25 अप्रैल को युवती ने अपने सामान लाने के लिए खड़पोस से रांची जा रही थी। उसी बस पर मोहम्मद आशिक भी सवार हो गया। कुछ दूर जाने के बाद मोहम्मद आशिक के पिता बदरूददीन ने उसे बस से उतार कर अपने घर ले गये। युवती करीब 25 किलोमीटर तक सफर कर चुकी थी। इसी बीच उसके मोबाइल पर युवक का फोन आया। कहने लगा कि तुम चाईबासा में मेरा इंतजार करना वरना मैं आत्महत्या कर लूंगा। इस बात की डर से युवती चाईबासा में उतार गई। करीब 11 बजे मोहम्मद आशिक उसके पास पहुंचा। कहने लगा कि मेरे भाई लोग तुमको जाने से मार देने के लिए खोज रहे हैं। यह कहकर उसे नोवामुंडी अपने रिश्तेदार के घर ले गया। रात करीब 1 बजे अचानक एक सफेद बोलेरो पर सवार होकर पांच लोग वहां पहुंच गये। दोनों को शादी करा देने की बात कहकर अपने साथ ले गये। इन लोगों ने पहले पानी पीने के लिए कहा। पानी पीने के बाद युवती बेहोश हो गई। होश आने पर युवती अपने को खड़पोस उच्च विद्यालय प्रांगण में उतारा गया पाया। उसी समय मोहम्मद आशिक के तीनों भाइयों ने मिलकर उसकी जमकर पिटाई करने लगे। पिटाई के बाद युवती पुन: बेहोश हो गई। होश आने पर अपने को करंजिया सरकारी अस्पताल में पाया। यहां दो इलाज करने के बाद उसे क्योंझर रेफर कर दिया गया। क्योंझर अस्पताल में वह एक दिन रही।