Move to Jagran APP

आजाद बस्ती और टाटरा हाटिग में नहीं टूटेगा किसी का घर : गीता कोड़ा

नोवामुंडी के आजाद बस्ती और टाटरा हाटिग के अतिक्रमित जमीन को खाली करने के लिए नोटिस बांटने पहुंचे रेलकर्मियों को सांसद गीता कोड़ा ने लौटा दिया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Jan 2021 07:26 PM (IST)Updated: Thu, 07 Jan 2021 07:26 PM (IST)
आजाद बस्ती और टाटरा हाटिग में नहीं टूटेगा किसी का घर : गीता कोड़ा
आजाद बस्ती और टाटरा हाटिग में नहीं टूटेगा किसी का घर : गीता कोड़ा

संवाद सूत्र, नोवामुंडी : नोवामुंडी के आजाद बस्ती और टाटरा हाटिग के अतिक्रमित जमीन को खाली करने के लिए नोटिस बांटने पहुंचे रेलकर्मियों को सांसद गीता कोड़ा ने लौटा दिया है। सांसद गीता कोड़ा लोगों के निवेदन पर गुरुवार को बस्ती पहुंची थीं। उन्होंने दोनों बस्ती के लोगों से बातचीत कर उन्हें किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होने का भरोसा दिया है। उन्हें आश्वासन देते हुए बताया कि आप लोगों को भयभीत होने की जरूरत नहीं है। हम आपके साथ हैं। हाल ही के दिनों में रेलवे ओवरब्रिज निर्माण को लेकर कई दुकानदारों की दुकानें टूट चुकी हैं। अब रेलवे ने बस्ती के लोगों को बेघर करने की तैयारी में है। गरीब का मकान कभी टूटने नहीं दिया जाएगा। घर तोड़ने के पहले यहां के लोगों के साथ लड़ाई लड़नी होगी। इसके लिए एकजुटता की जरूरत है। मौके पर नोटिस बांटने पहुंचे कर्मचारियों को बुलाकर सांसद से बातचीत कराई गई। सांसद ने रेलकर्मियों को बताया कि मेंटनेंस के नाम पर नोटिस बांट रहे हैं तो पब्लिक को नोटिस बांटना बंद कर दें। यदि कोई प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए बांट रहे हैं तो नोटिस में उसका उल्लेख जरूरी है। इन बातों को सुनने के बाद रेलकर्मियों ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों से मोबाइल पर सांसद से बात कराई। सांसद ने उसी बात को दोहराने के बाद इस विषय में वरीय पदाधिकारियों से बातचीत कर हल निकालने की बात कहकर उन्हें लौटा दिया। बाद में रेलकर्मी अधूरा नोटिस बांटकर गाड़ियों में सवार होकर डांगोवापोसी लौट गए। ये हैं रेलवे विभाग का नोटिस

loksabha election banner

दक्षिण पूर्व रेलवे डांगोवापोसी के एडीईएन ने एक पत्र जारी कर बताया है कि नोवामुंडी के आजाद बस्ती और टाटरा हाटिग बस्ती रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण की जद में है। रेलवे लाइन किनारे बस्ती होने के कारण रेल किनारे साफ-सफाई करने में रेलकर्मियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। मेंटनेंस भी नहीं हो पाता है। इसी को लेकर रेलवे किनारे अतिक्रमित जमीन को खाली कराने के लिए एडीईएन ने नोटिस तामिल करने के लिए रेलकर्मियों की टीम को भेज दिया था। सांसद के हस्तक्षेप के बाद रेलकर्मियों को लौटना पड़ गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.