आदिवासी हो समाज महासभा के नए अध्यक्ष अर्जुन व महासचिव बने यदुनाथ
आदिवासी हो समाज महासभा के महाधिवेशन के दूसरे दिन रविवार को
जागरण संवाददाता, चाईबासा : आदिवासी हो समाज महासभा के महाधिवेशन के दूसरे दिन रविवार को महासभा का पुनर्गठन कर लिया गया है। आदिवासी हो समाज महासभा का नया अध्यक्ष सर्व सहमति से अर्जुन मुंदुइया को बनाया गया है। उपाध्यक्ष के पद पर रोयाराम चंपिया को चुना गया है। वहीं महासचिव यदुनाथ तियु को बनाया गया है। पुनर्गठन के लिए दंडाधिकारियों की नियुक्ति पहले से की गई थी। मुख्य दंडाधिकारी रमेश चंद्र सिंह कुंटिया व सदस्य दंडाधिकारी जयपाल सिरका, बागुन बोदरा, शिव चरण कालुंडिया, सनातन बिरुवा बनाए गये थे। कोषाध्यक्ष पद के लिए भलभद्र मेलगांडी को चुना गया है। चारों पद सर्वसम्मत से तय हुए। नियमावली संशोधन के बाद अन्य पदों का सृजन हुआ है, जिसे पदाधिकारियों के मंथन से मनोनयन कर पूरा किया जाएगा। रविवार को आदिवासी हो समाज महासभा के खुला सत्र में गीता कोड़ा, मधु कोड़ा, लक्ष्मण गिलुवा, सोनाराम सिकु, जवाहरलाल बानरा, सीता राम बारी, कालीचरण बिरुवा आदि ने शिरकत की। आदिवासी हो समाज महासभा के वेब पोर्टल को भी सम्मानित अतिथियों ने लांच किया।
हो समाज में शिक्षा को बढ़ावा देंगे : अर्जुन मुंदुइया
नए अध्यक्ष अर्जुन मुंदुइया ने महाधिवेशन में कहा कि आदिवासी हो समाज महासभा सबसे बड़ा संगठन है। यही सोच हर संस्था को केन्द्रीय बनाने की होनी चाहिए। हम आने वाले समय में शिक्षा पर फोकस करेंगे। इसमें हमें अनुभवी और समझदार लोगों की जरुरत पड़ेगी। प्रशासन के लोगों के साथ समाज का जुड़ाव को स्थापित करने का काम करेंगे। नई टीम समाज को देगी दिशा : गीता कोड़ा
सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि दिशा देने के लिए हमेशा अभिभावक की जरुरत होती है। अर्जुन मुंदुइया के अध्यक्ष बनने से हमें अपना एक अभिभावक मिला है। ये हमारे समाज के लिए प्रेरणा बनेंगे, ऐसा मैं उम्मीद करती हूं। जो भी पदाधिकारी बने हैं, सभी ने अपने क्षेत्र में काफी सराहनीय कार्य किया है इसलिए हमारी उम्मीद है की हो समाज के लिए यह टर्म काफी अच्छा रहेगा। जागरूक व विकासशील समाज बनाये नयी टीम : मधु कोड़ा
पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने कहा कि समाज की जिम्मेदारी हमारी सभी जिम्मेदारियों से ऊपर है। समाज के भीतर उन्नति की बात होना चाहिए। समाज के भीतर कोई कमी है तो उसका समाधान का प्रयास हमें अपनी संस्था से करने का प्रयास करना होगा। जागरूक, विकासशील समाज बनाना है। आदिवासी हो समाज महासभा के महाधिवेशन 2020 में लिए गए निर्णय
1- हो भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए एक कमेटी का गठन का झारखंड सरकार एवं भारत सरकार से बात की जाएगी।
2 . स्वरोजगार पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार के द्वारा प्रायोजित योजनाओं का लाभ समाज को दिलाने के लिए आदिवासी हो समाज महासभा आवश्यक कदम उठायगी।
3. देश की नई शिक्षा नीति में कहा गया है की मातृभाषा में पढ़ाई होगी। उसका स्वागत करते हुए आदिवासी हो समाज महासभा निर्णय लेती है कि हो भाषा(लिपि) में पढ़ाई को सुनिश्चित करने के लिए पाठ्यक्रम के अनुरूप पुस्तकों की रचना के लिए सरकारों के साथ बात करेगी।