रेलवे आइओडब्लू कार्यालय स्टोर परिसर में लगी आग
चक्रधरपुर रेल मंडल के आइओडब्लू ईस्ट कार्यालय के स्टोर परिसर तथा कार्यालय के चारदीवारी के बहार टेबल लाइन एरीये के मैदान में उगी झाड़ियों और दर्जनों खजूर के पेड़ में आग लग जाने से अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर : चक्रधरपुर रेल मंडल के आइओडब्लू ईस्ट कार्यालय के स्टोर परिसर तथा कार्यालय के चारदीवारी के बहार टेबल लाइन एरीये के मैदान में उगी झाड़ियों और दर्जनों खजूर के पेड़ में आग लग जाने से अफरा-तफरी का माहौल बन गया। मौके पर दमकल की गाड़ी को बुलाना पड़ा जिसके बाद काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। घटना गुरुवार की सुबह 12 बजे के करीब की बताई जा रही है। आग को बुझाने में चार घंटे से अधिक का समय लग गया। जानकारी के अनुसार आइओडब्लू ईस्ट कार्यालय के स्टोर परिसर तथा कार्यालय के चारदीवारी के बाहर खजूर के पेड़ व झाड़ियों में अचानक आग लग गई। आग की लपटों ने धीरे धीरे इतना विकराल रूप ले लिया की दर्जनों खजूर के पेड़ और झाड़ियां लंबी दूरी तक धूं-धूकर जलने लगी। पूरा इलाका काले धुएं के गुबार से भर गया। आग की लपटें भी ऊंची-ऊंची उठने लगी । आग लपटों ने जैसे ही रेलवे कार्यालय की तरफ रुख मोड़ा, कार्यालय के अधिकारीयों ने दमकल को इसकी सुचना दी । वहीँ रेलवे के कर्मचारी व अधिकारी अपनी तरफ से बाल्टी में पानी भर भर कर आग बुझाने के प्रयास में जुटे रहे । ़करीबन एक बजे मौके पर दमकल की गाड़ी पहुंची और आईओडब्लू ईस्ट कार्यालय से आग बुझाने की कोशिश की जाने लगी । आग कार्यालय के गोदाम में भी लग गया था. जिससे रेल कर्मियों में भय का माहौल था । भारी मशक्कत के बाद कार्यालय की तरफ आती आग की लपटों पर दमकल की टीम व रेलवे के कर्मियों काबू पाया । इसके बाद दमकल की गाड़ी कार्यालय के पीछे गयी और पुन: झाड़ियों व खजूर के पेड़ में लगी आग को बुझाने का प्रयास किया । काफी प्रयास के बाद आग पर काबू पाया जा सका लेकिन काफी संख्या में खजूर के पेड़ जलकर नष्ट हो चुके हैं। आसपास रहने वाले लोगों ने बताया की अचानक दोपहर 11 बजे झाड़ियों में आग लग गयी थी । आग धीरे धीरे बढ़ने लगी और विकराल रूप ले लिया था । घटना स्थल के पास देखा गया की वहां कचरों का अम्बार भी है । आशंका व्यक्त की जा रही है की कचरों के ढेर में लगी आग से ही यह आग धधकती हुई झाड़ियों व खजूर के पेड़ों को अपनी चपेट में ले लिया। समय रहते आग पर तो काबू पा लिया गया लेकिन बड़ी संख्या में खजूर के पेड़ जलकर नष्ट हो गए।