शिक्षक-शिक्षिकाओं को हटाने के विरोध में बिना बताए विद्यालय से चली गईं 60 छात्राएं
बताया जाता है कि शिक्षा विभाग ने मैट्रिक परीक्षा में स्कूल के खराब प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार अंशकालिक चार शिक्षक-शिक्षिकाओं को हटाने का आदेश दिया है।
जागरण संवाददाता, चाईबासा। झारखंड के पश्चिम सिंहभूम के मझगांव प्रखंड में संचालित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की 10 वीं कक्षा की 60 छात्राएं बुधवार सुबह 5.30 बजे किसी को बताए बिना विद्यालय से चली गईं। विद्यालय की वार्डन संगीता कुमारी ने इसकी सूचना मझगांव थाना, बीडीओ और जिला शिक्षा विभाग को दी। इसके बाद पुलिस ने अभियान चलाकर देर शाम तक 18 छात्राओं को ढूंढ निकाला और उन्हें वापस स्कूल पहुंचा दिया। तब जाकर इस बात का पता चला कि हुआ कि चार अंशकालिक शिक्षक-शिक्षिकाओं को हटाने के विरोध में छात्राओं ने यह सामूहिक कदम उठाया था।
बताया जाता है कि शिक्षा विभाग ने मैट्रिक परीक्षा में स्कूल के खराब प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार अंशकालिक चार शिक्षक-शिक्षिकाओं को हटाने का आदेश दिया है। इसी के बाद स्कूल प्रबंधन की ओर से मंगलवार को इन्हें हटाने का नोटिस दिया गया था। इस बाद की जानकारी मिलने के बाद ही छात्राओं ने इन शिक्षक-शिक्षिकाओं के समर्थन में यह कदम उठाया। शाम में विद्यालय लौटी एक छात्रा कोमल कुमारी ने बताया कि विद्यालय में शिक्षकों की कमी है। फिर भी शिक्षा विभाग ने चार शिक्षक- शिक्षिकाओं को हटाने का आदेश दे दिया। इस वजह से विद्यालय में पढ़ाई नहीं हो रही। जब पढ़ाई नहीं हो रही है तो विद्यालय में रहने क्या मतलब है?
शिक्षा विभाग से दो दिन पूर्व आदेश आया कि अनुबंधित शिक्षक शम्स तबरेज, पूनम मौलिक, मंजू बिरुवा व बंजा तेलंगना हो हटाकर नए शिक्षक-शिक्षिकाओं की बहाली की जाए। इनमें से कुछ ने उसी दिन से विद्यालय आना बंद कर दिया। बुधवार सुबह 5.30 बजे स्कूल का गेट खुलते ही कक्षा 10 की छात्राएं दौड़ते हुए बिना किसी को बताए भाग गईं। इनमें से 18 छात्राएं स्कूल वापस आ गई हैं। वहीं 42 छात्राएं अपने घर चली गईं हैं।
- संगीता कुमारी, वार्डेन, कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय, मझगांव