दिकुबालकांड पंचायत में फर्जीवाड़ा कर 17 लाख का गबन, एक पर एफआइआर
वृद्ध-लाचारों की पेंशन गबन करने के आरोप में जेल जाकर बाहर आने पर एक व्यक्ति ने पंचायत के सरकारी खाता में डाका डाल दिया है। थोड़ा-थोड़ा कर 17 लाख रुपये सरकारी खाता से अवैध निकासी कर लिया है।
संवाद सूत्र, कुमारडुंगी : वृद्ध-लाचारों की पेंशन गबन करने के आरोप में जेल जाकर बाहर आने पर एक व्यक्ति ने पंचायत के सरकारी खाता में डाका डाल दिया है। थोड़ा-थोड़ा कर 17 लाख रुपये सरकारी खाता से अवैध निकासी कर लिया है। मामला पश्चिमी सिंहभूम जिले के हाटगम्हरिया थाना क्षेत्र के दिकुबालकांड पंचायत का है। मामला हाटगम्हरिया के प्रखंड विकास पदाधिकारी परमेश्वर कुशवाहा के संज्ञान में आया तो जांच की गयी। इसके बाद मुखिया नितीमा गागराई ने प्रवीण बेहरा नामक व्यक्ति पर प्राथमिकी दर्ज करायी है। प्रवीण बेहरा अभी फरार है। बताया गया कि दिकुबालकांड पंचायत का सरकारी खाता झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक हाटगम्हरिया में खुला हुआ है। इसका खाता संख्या 22000465768 है। पंचायत के खाता में वर्ष 2020 में पंचायत के विकास के लिए 14 वें वित आयोग का लगभग 21 लाख रुपये आया था। इस सरकारी बैंक खाता में साइबर अपराधियों ने एक महिला को मोहरा बनाकर कुल 16 लाख 95 हजार 600 रुपये की अवैध निकासी कर ली है।
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यह है पूरा मामला
कुमारडुंगी निवासी प्रवीण बेहरा व हाटगम्हरिया स्थित ग्राहक सेवा केन्द्र संचालक सुजीत बिरुवा ने जयपुर गांव की वीनिता बिरुवा नामक महिला को मोहरा बनाकर पहले तो दिकुबालकांड पंचायत के सरकारी खाता से आधार लिक करवाया। उसके बाद महिला से पंचिग करवाकर लगभग 17 लाख रुपये की अवैध निकासी कर ली। महिला से दो बार में ग्रहक सेवा केन्द्र से पैसा निकासी करवाया। उसके बाद बैंक मित्र बनकर हर बार घर जाकर पैसों की निकासी करवा लिया। महिला विनीता बिरुवा ने बताया की इन पैसा निकासी के बारे में उसे कानों कान खबर नहीं है। प्रवीण बेहरा व उसका सहयोगी आये दिन कोई ना कोई बहाना बनाकर उसके घर आते जाते थे। हर बार पैसा निकासी के लिये पंचिग करवा कर उसे हजार, पांच सौ रुपये देकर निकल जाते। बाकी पैसा अपने खाते में ट्रांसफर कर लेते थे। दोनों ने महिला से अप्रैल 2020 से पैसों की निकासी करना आरंभ किया था। 14 दिसम्बर तक 170 बार पैसों की निकासी कर ली है। बैंक खाता में देखा गया की प्रत्येक बार 10 हजार रुपये की निकासी हुई है। -------------------------
पंचायत मुखिया का है ये कहना---
प्राथमिकी दर्ज कराने वाली दिकुबालकंड पंचायत मुखिया नितीमा गागराई ने बताया कि कि 14 वें वित आयोग में लगभग 21 लाख रुपये की राशि विकास कार्य के लिये आयी थी। उसमें से उन्होंने चार लाख रुपये जलमीनार की योजना में खर्च किया था। बाकी 17 लाख रुपये खाता में रखा हुआ था। 19 दिसम्बर को पंचायत सेवक द्वारा बैंक में अप-टू-डेट करने से शून्य रुपये बताया। इसमें बैंक कर्मचारी की मिलीभगत भी हुई है।