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गोईलकेरा में रेल रोको आंदोलन मामले में 12 लोगों को मिली बेल

चक्रधरपुर रेल मंडल के गोईलकेरा रेलवे स्टेशन पर साउथ बिहार उत्कल व पैसेंजर ट्रेनों के ठहराव की मांग को लेकर आहूत रेल रोको आंदोलन में रेलवे द्वारा दर्ज किए गए मामले को लेकर 12 लोगों ने मंगलवार को मनोहरपुर आरपीएफ रेल थाना से बेल लिया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Mar 2021 08:43 PM (IST)Updated: Tue, 23 Mar 2021 08:43 PM (IST)
गोईलकेरा में रेल रोको आंदोलन मामले में 12 लोगों को मिली बेल
गोईलकेरा में रेल रोको आंदोलन मामले में 12 लोगों को मिली बेल

संवाद सूत्र, मनोहरपुर : चक्रधरपुर रेल मंडल के गोईलकेरा रेलवे स्टेशन पर साउथ बिहार, उत्कल व पैसेंजर ट्रेनों के ठहराव की मांग को लेकर आहूत रेल रोको आंदोलन में रेलवे द्वारा दर्ज किए गए मामले को लेकर 12 लोगों ने मंगलवार को मनोहरपुर आरपीएफ रेल थाना से बेल लिया। इस दौरान गोईलकेरा के स्थानीय निवासी रवि गुप्ता, नरेंद्र दत्त, साकेत वाजपेयी, प्रिस खान, इमरान खान, राजेश चौरसिया, रमजान अंसारी, सुधीर वाजपेयी, आसित वर्ण, अनुपमा चौरसिया, पायो बेसरा व झारखंड मजदूर यूनियन के जिलाध्यक्ष राहुल आदित्य ने बेल लिया। सभी को मनोहरपुर स्थित आरपीएफ आफिस से बेल दिया गया है। ज्ञात हो कि बीते 3 फरवरी को गोईलकेरा में हजारों की संख्या में ग्रामीणों व स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने नागरिक एकता मंच के बैनर तले ट्रेनों की मांग को लेकर रेल रोको आंदोलन किया था। लगभग 6 घंटे तक चले आंदोलन में ग्रामीणों की सभी मांगों को मानते हुए ट्रेन रोकने संबंधी प्रक्रिया उच्च अधिकारियों को भेजने की बात कही थी। जबकि मामले में अबतक गोईलकेरा में साउथ बिहार व उत्कल ट्रेन का ठहराव नहीं किया गया। जबकि पूर्व विधायक गुरुचरण, आजसू के विस प्रत्याशी बिरसा मुंडा समेत लगभग एक सौ लोगों पर रेलवे ने मामला दर्ज किया है। हमारे साथ विश्वासघात हुआ : ग्रामीण

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बेल लेने मनोहरपुर पहुंचे ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों ने कहा कि रेलवे व स्थनीय प्रशासन ने हमारे साथ विश्वासघात किया है। ग्रामीणों ने कहा कि लोकतंत्र में किसी भी मुद्दे को लेकर आंदोलन करना हमारा अधिकार है, और यातायात की समस्या को देखते हुए ग्रामीणों ने नागरिक एकता मंच के बैनर तले शांति से बिना किसी को परेशान किए अपना आंदोलन किया था। ग्रामीणों ने कहा कि छह घंटे तक चले इस आंदोलन में चक्रधरपुर रेल अनुमंडल के सीनियर डीसीएम व चक्रधरपुर अनुमंडल पदाधिकारी में सभी ग्रामीणों को ट्रेनों के ठहराव का आश्वासन दिया गया था। साथ ही ग्रामीणों को ये भी आश्वासन दिया गया था कि किसी पर केस नहीं किया जाएगा, बावजूद न साउथ बिहार व उत्कल रुकी बल्कि रेलवे ने सभी पर केस थोप दिया। ग्रामीणों ने रेलवे से केस वापस करने की मांग की है।


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