मनरेगा कार्याें में अनियमितता,पुराने में बन रहा नया कूप
बाटम बारिश से कई कूप हो गए ध्वस्तजैसे-तैसे निपटा रहे काम हो रही है गड़बड़ी जासंि
बाटम
बारिश से कई कूप हो गए ध्वस्त,जैसे-तैसे निपटा रहे काम, हो रही है गड़बड़ी
जासं,सिमडेगा:मनरेगा अर्थात महात्मा गांधी नेशनल रूरल एम्प्लायमेंट गारंटी एक्ट कानून है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में सही तरीके से डिमांड के अनुरूप बेरोजगारों को काम दिलाता है, परंतु जिले
में कुछ योजनाओं की जो तस्वीर आई है,उससे लगता है मनरेगा योजनाओं में लापरवाही चरम पर हैं।कोविड काल में जब अधिकारियों की क्षेत्र भ्रमण कम हुआ तो काम करने वाले निचले कर्मी भी पूरी तरह से लारवाह हो गए।ताजा मामला सदर प्रखंड के टैंसेरा गांव का है।जहां मनरेगा से कूप के निर्माण में लापरवाही व अनियमितता चरम पर है।काम कराने वाले मेट,रोजगार सेवक व लाभुकों को मनरेगा कानून का भी कोई डर नहीं है।उनकी सिर्फ यही मंशा है कि किसी भी तरह से काम कराकर राशि की निकासी कर ली जाए।इधर समय पर राशि नहीं मिलने से कई कुएं पूरी तरह धंस गए।जिससे श्रमिकों को मेहनत भी पानी के साथ बह गया।गांव में मदन नामक युवक के खेत में कुएं की गहराई बहुत ही कम है।फिर भी
यहां जैसे-तैसे कुएं को पाटने का काम शुरू किया गया है। काम करा रहे सुधीर नामक व्यक्ति से
पूछा गया तो उसने कुछ भी बताने से साफ इंकार कर दिया और काम कर मजदूरों को लेकर वहां
से भाग खड़ा हुआ। इसी तरह सुमति देवी के पुराने कूप को भी पुन:तोड़कर नया योजना लेने की
बात बताई गई।जबकि पुराना कूप भी सही स्थिति में पाया गया।सुमति ने कहा कि काम कराने को लेकर कर्मचारी रुपये की भी डिमांड करते हैं।इधर टैंसेरा में ही बुधियारो देवी का कूप बारिश
के दौरान पूरी तरह ध्वस्त हो गया।उसने बताया कि उसे 15000 रुपये मिले हैं। समय पर रुपये नहीं मिलने के श्रमिकों ने काम छोड़ दिया।इधर मनरेगा कूप के साथ बागावानी का हाल भी पूरी
तरह बेहाल नजर आया।कई योजनाओं में पौधे या तो पूरी तरह सूख गए या फिर जानवर चर लिए।मनरेगा के तहत योजना बोर्ड लगाने में भी गड़बड़ी की गई है। लालदेव पाइक के खेत में
लगे बागवानी में क्रस्टिना एक्का के नाम से बोर्ड लगाया गया है। इस तरह से अन्य योजनाओं
में गड़बड़ी होने की आशंका है। जांच कर होगी कार्रवाई:बीडीओ
सिमडेगा:मनरेगा के तहत कूपों के धंसने व गड़बड़ी के सवाल पर बीडीओ विवेक कुमार ने कहा
कि इसकी जांच कराकर समुचित कार्रवाई की जाएगी।उन्होंने स्वीकार किया इस बार बारिश
जून के महीने में अधिक हुई,जिससे कूप ध्वस्त हो गए।हालांकि पुराने कूप में निर्माण को गंभीर बताया।कर्मचारियों के द्वारा रुपये लेने की बात को भी उन्होंने इंकार किया।