लीची के बगान ने बदल दिए ज्योतिष की किस्मत
लीची के बगान ने बदल दिए ज्योतिष के किस्मत
लीची के बगान ने बदल दिए ज्योतिष की किस्मत
वाचस्पति मिश्र ,सिमडेगा:अक्सर लोग कहते हैं पेड़ लगाओ-पुण्य कमाओ।इसी परिकल्पना के साथ ज्योतिष बाड़ा ने 30 वर्ष पहले लीची के पौधे लगाने शुरू किए थे। आज वही पौधे पेड़ बनकर ज्योतिष के भाग्य को बदल दिया। कभी रोजी-रोटी के लिए रात-दिन संघर्ष करने वाले ज्योतिष बाड़ा आज लीची बेचकर लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं। बाड़ा मूल रूप से सदर प्रखंड के जोकबहार पंचायत अंतर्गत मुड़िया गांव के रहने वाले हैं। मिट्टी के घर में रहने वाला यह परिवार अपनी जमीन में पसीना बहाकर लीची का बड़ा बगान तैयार किया। इनके बगान में केवल लीची के 50 से अधिक पेड़ हैं। यह प्रत्येक वर्ष गर्मी आते ही फलों से लद जाते हैं। इसे बेचकर ज्योतिष बाड़ा अपने घर-परिवार का भरण-पोषण तो करते ही हैं। अपने बच्चों को भी अच्छी शिक्षा दिला रहे हैं। उनकी बेटी पढ़ाई पूरी कर स्वास्थ विभाग में नौकरी करती है। उनका बेटा उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहा है। ज्योतिष बाड़ा ने बताया कि उनका युवावस्था काफी संघर्ष में बीता है। बावजूद नौकरी नहीं मिली। उन्होंने खाली बैठना मुनासिब नहीं समझा। वे अपने घर के पीछे करीब ढाई एकड़ भूमि पर लीची के पौधे लगाने शुरू कर दिए। मेहनत से इसे सिंचित किया। चार-पांच वर्षों के बाद लीची के सभी पौधों ने फल देना शुरू कर दिया। इससे काफी तसल्ली मिली। धीरे-धीरे उन्होंने लीची को बेचकर अपनी आर्थिक स्थिति सुधारी। उन्होंने यह भी बताया कि कई लोगों ने उस क्षेत्र में उनसे प्रेरणा लेकर बागवानी की है। ज्योतिष ने बताया कि गर्मी के दिनों में पौधों की सिंचाई करने में परेशानी होती है। सरकार या विभाग की ओर से सिंचाई के साधन मिल जाएं तो वे अपनी बागवानी को और बेहतर ढंग से कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अब तक उन्हें इस
बागवानी के लिए कोई सरकारी मदद नहीं मिली है। इस बगान को हरा-भरा बनाए रखने में परिवार के लोग भी हाथ बंटाते हैं।
ओडिशा में अधिक डिमांड
सिमडेगा:ज्योतिष के बगान की लीची की डिमांड ओड़िशा में अधिक है।ज्योतिष
कहते हैं ओडिशा के राऊरकेला में वे लीची बेचने जाते हैं। जहां उन्हें बेहतर दाम
मिलता है।वर्तमान 90-100 रुपये प्रति किलो लीची बिकती है।