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एंथ्रेक्स जोन सिमडेगा में तीन वर्षों से टीके का टोटा

एंथ्रेक्स जोन सिमडेगा में तीन वर्षों से टीके का टोटा

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 May 2022 08:27 PM (IST)Updated: Wed, 25 May 2022 08:27 PM (IST)
एंथ्रेक्स जोन सिमडेगा में तीन वर्षों से टीके का टोटा
एंथ्रेक्स जोन सिमडेगा में तीन वर्षों से टीके का टोटा

एंथ्रेक्स जोन सिमडेगा में तीन वर्षों से टीके का टोटा

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जासं,सिमडेगा: एंथ्रेक्स के लिए घातक जोन रहे सिमडेगा जिले में विगत दो-तीन वर्षों से पशुओं में टीकाकरण बंद हैं। विभाग ने कई बार एंथ्रेक्स के बचाव के लिए टीके की मांग करते हुए पत्र लिखा है। लेकिन अबतक टीके आपूर्ति नहीं की गई हैं। जबकि संबंधित क्षेत्र में लगातार पशुओं में टीकाकरण कराने की बात कही गई थी। जिससे एंथ्रेक्स जैसे गंभीर महामारी की पुन: होने की आशंका नहीं रहे। विदित हो जिले में सर्वप्रथम 2014 के अक्टूबर में बानो प्रखंड में एंथ्रेक्स के मरीज मिले थे।तब से जिले में एंथ्रेक्स से 13 लोगों की मृत्यु हुई हैं। वहीं 200 से अधिक लोग संक्रमित मिले थे।वर्ष 2019 में सिमडेगा जिले के ठेठईटांगर प्रखंड में एंथ्रेक्स के मरीज मिले थे। जिले के बानो समेत कोलेबिरा,ठेठईटांगर,बोलबा एवं पाकरटांड़ में भी एंथ्रेक्स के मरीज मिलते रहे हैं। सिमडेगा में एंथ्रेक्स महामारी फैलने के बाद पूरे राज्य में हड़कंप मच गया था।राज्य मुख्यालय से लेकर दिल्ली से भी टीम सिमडेगा आकर सर्वे की थी। मणिपाल यूनिवर्सिटी की जांच टीम सिमडेगा में ही कैंप कर संदिग्ध लोगों की जांच करती थी। वहीं जिले के स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार क्ष्रेत्र में दौरा कर लोगों को जागरूक करती थी। दरअसल एंथ्रेक्स पशुओं में ही होने वाली बीमारी है।तब लोग मृत पशुओं को काटते थे अथवा उसका मास पकाकर खाते थे।मृत पशुओं को काटने के क्रम में भी लोग एंथ्रेक्स के चपेट में आते थे।लोगों के हाथ व पैर में जख्म के निशान बन जाते थे। हालांकि बाद में लोगों की जागरूकता एवम स्वास्थ्य विभाग की जागरूकता की वजह से एंथ्रेक्स को नियंत्रित किया जा सका। इधर 2020 में विश्व व्यापी कोरोना महामारी संकट के दौरान एंथ्रेक्स खो गया।वैसे सिविल सर्जन डा.प्रमोद कुमार सिन्हा ने कहा कि यह सही है कि एंथ्रेक्स 2019 के बाद नहीं मिले हैं। लेकिन,इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। लोगों को इसके प्रति सजग रहना चाहिए। वहीं पशुओं में टीकाकरण को जरूरी बताया। वहीं जिले में पदस्थापित जिला पशुपालन पदाधिकारी डा.अरुण कुमार ने कहा कि सिमडेगा में पूर्व में एंथ्रेक्स के मरीज मिलते रहे हैं।ऐसे में संबंधित क्षेत्रों में पशुओं में टीकाकरण कराने के लिए निदेशालय से टीके की मांग की गई है।टीके की आपूर्ति होने के बाद टीकाकरण कराया जाएगा।

एंथ्रेक्स जांच लैब बंद

सिमडेगा: वर्तमान में सिमडेगा में एंथ्रेक्स जांच लैब नहीं है।पूर्व में सदर अस्पताल में चल रहे मणिपाल यूनिवर्सिटी का लैब बंद हो गया है। ऐसे में अगर सिमडेगा में

पुन: एंथ्रेक्स के मरीज मिले तो जांच के लिए रिम्स रांची सैंपल भेजे जाएंगे।


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