जल संरक्षण के लिए बनाए जाएंगे दो डैम, संकट होगा दूर
जिले में मध्यम स्तर के दो डैम का निर्माण किया जाएगा। इसके बनने के बा
वाचस्पति मिश्र
सिमडेगा : जिले में मध्यम स्तर के दो डैम का निर्माण किया जाएगा। इसके बनने के बाद न सिर्फ वृहद स्तर पर वर्षा जल का संचयन व संरक्षण हो सकेगा,बल्कि जिले के हजारों किसानों के लिए सिचाई की सुविधा भी मिल सकेगी। डैम बनाने के लिए विभाग डीपीआर बनवाने की कवायद में जुटा है। विदित हो कि जिले के बोलबा प्रखंड के पालेमुंडा में पालेमु़ड़ा नदी एवं कोलेबिरा प्रखंड के पाहन टोली में देवनदी के ऊपर डैम बनाने की योजना बनाई है। दोनों मध्यम सिचाई योजना के तहत डैम बनाने का प्रस्ताव दिया गया है। प्रत्येक डैम से लगभग 10 से 15000 किसान लाभान्वित होंगे। विभाग ने सीडब्ल्यूसी अर्थात सेंट्रल वाटर कमीशन को प्रस्ताव भेजा है,जो योजना का गहन अध्ययन कर डीपीआर तैयार करेगी । इस बाबत सिचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता राजेश कुमार ने बताया कि बनने से लोगों को न सिर्फ सिचाई की सुविधा मिलेगी, बल्कि यहां से जलापूर्ति भी की जा सकती है। डैम जल संरक्षण की दिशा में भी बेहतर सहायक सिद्ध होते हैं। इसके माध्यम से हम सालों भर वर्षा का जल संचयन व उपयोग करते हैं। उन्होंने बताया कि आज कांसजोर जलाशय के नहर का पक्कीकरण किया जा रहा है। इससे अब सिमडेगा व पाकरटांड़ प्रखंड के 37 गांवों के किसानों को भरपूर लाभ मिलेगा। किसान सिचाई की सुविधा लेकर बेहतर खेती कर सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जिले में अब मध्यम व छोटे स्तर के डैम व चेकडैम का निर्माण हो सकता है। जिससे कि विस्थापन जैसी समस्या नहीं हो और लोगों को बेहतर लाभ भी मिले । केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने भी नहर पक्कीकरण कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा है कि पाकरटांड़
प्रखंड को जैविक खेती के लिए हब बनाया जा सकता है। पदाधिकारियों को चाहिए कि इस क्षेत्र के लिए बेहतर कार्य योजना तैयार कर जैविक खेती को बढ़ावा देना चाहिए, जिससे किसानों की आय दोगुनी हो और सिमडेगा में समुचित विकास सुनिश्चित किया जा सके।