शिक्षकों की मार्मिक अपील,बहाल रखें उनकी सेवा
जासं सिमडेगा हाईकोर्ट द्वारा झारखंड राज्य की नियोजन नीति को असंवैधानिक करार देते हुए
जासं, सिमडेगा : हाईकोर्ट द्वारा झारखंड राज्य की नियोजन नीति को असंवैधानिक करार देते हुए 13 अनुसूचित जिलों में स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति को निरस्त किए जाने के बाद से ही शिक्षकों में हताशा बनी हुई है। खुद के साथ न्याय की मांग को लेकर शिक्षकों ने रविवार को न्याय यात्रा निकाली। एक वर्ष से अधिक सेवा देने के बाद निरस्त कर दिए जाने को लेकर शिक्षक शारीरिक दूरी एवं मास्क के साथ न्याय यात्रा में शामिल हुए व न्याय की गुहार लगाई। यात्रा में शिक्षकों द्वारा अपनी मांगों के समर्थन में तख्तियां एवं बैनर लेकर शांतिपूर्वक पूरी शालीनता के साथ सिमडेगा का भ्रमण किया गया। न्याय यात्रा की समाप्ति के पश्चात मुख्यमंत्री के नाम उपायुक्त सिमडेगा को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन के माध्यम से सभी नवनियुक्त शिक्षकों की सेवा यथावत रखने, शिक्षकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं करने , लंबित वेतन आदि का भुगतान जल्द करने एवं भविष्य में वेतन भुगतान की प्रक्रिया सुचारू रखने की मांग की गई। इधर शिक्षकों ने अपनी पीड़ा साझा करते हुए कहा कि कई शिक्षक ने अपने पूर्व की सरकारी एवं निजी नौकरियों को छोड़कर यहां आए हैं, जिनके समक्ष जीविकोपार्जन को लेकर कई चितनीय एवं गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो गई है। शिक्षकों की नौकरी के लिए अनुमान्य आयु सीमा समाप्त हो चुकी है,वे अन्य नौकरियों में जाने से भी वंचित हो गए, यह भी एक विचारणीय प्रश्न है। वहीं शिक्षक शिक्षिकाओं ने सरकार द्वारा दी गई नौकरी के भरोसे अपने आश्रितों के असाध्य रोगों के इलाज, भवन, भूमि, वाहन आदि प्रयोजनार्थ बैंकों से ऋण लिए हैं,उनके समक्ष ऋण चुकाने को लेकर गंभीर आर्थिक समस्या उत्पन्न हो गई है। दूसरी ओर सरकार एवं सरकारी संस्था के द्वारा स्वच्छ एवं पारदर्शी चयन एवं नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की गई है, इसे भी जनहित के मद्देनजर इसकी विश्वसनीयता बनाए रखने की मार्मिक अपील की गई है न्याय यात्रा को सफल बनाने में मुख्य रूप से संजीव कुमार,संदीप कुमार सिंह,देवदर्शन बड़ाईक,अनंत कुमार,जीवन अमृत कुजुर, रेणु मंजुला लकड़ा, प्रियदर्शी बाड़ा, विक्की नाग, प्रिया केरकेट्टा, रजनी कुल्लू,समीर बाड़ा, शरीफ बरवा,आइरिन जेनिफा किडो सहित जिले के कई शिक्षक-शिक्षिकाएं शामिल हुए।