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श्रीरामरेखाधाम में कार्तिक पूर्णिमा पर आज उमडे़ंगे श्रद्धालु

श्री रामरेखा धाम में दूसरे दिन भी धार्मिक अनुष्ठान किया गया। इस पावन मौके पर ह

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 08:46 PM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 08:46 PM (IST)
श्रीरामरेखाधाम में कार्तिक पूर्णिमा पर आज उमडे़ंगे श्रद्धालु
श्रीरामरेखाधाम में कार्तिक पूर्णिमा पर आज उमडे़ंगे श्रद्धालु

जासं,सिमडेगा:श्री रामरेखा धाम में दूसरे दिन भी धार्मिक अनुष्ठान किया गया। इस पावन मौके पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान पुरुषोत्तम श्रीराम के दर्शन एवं पूजन किया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने कोविड के नियमों का पालन करते पूजन किया। पुस्तक का विमोचन श्रीरामरेखा धाम विकास समिति के पदाधिकारियों व महंत उमाकांत जी महाराज द्वारा किया गया। पुस्तक में अंकित है कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम

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श्री राम त्रेता युग में पिता का वचन पालन हेतु 14 वर्ष के वनवास काल में अपने पिता दशरथ के श्रद्धा तर्पण करने के बाद दक्षिण दिशा की ओर यात्रा करते हुए गौतम ऋषि के शिष्य अग्निजिह्वा मुनि के आश्रम पहुंचे। यही स्थान श्री राम रेखाधाम के नाम से प्रसिद्ध है। इसकी खोज बीरु राजवंश के 15 पीढ़ी के सम्राट राजा हरेराम सिंह देव ने किया। यहां वर्षों से कार्तक पूर्णिमा के मौके पर विशाल मेला तथा अनुष्ठान कार्यक्रम का आयोजन किया जाता रहा है। परंतु इस बार

कोरोना संकट के कारण मेला का आयोजन नहीं किया गया है। वैसे

अनुष्ठान का आयोजन जरूर होगा। इसके लिए श्री राम रेखा धाम में पूर्व की भांति इस वर्ष भी श्रद्धालुओं के सुविधा के लिए सुरक्षा के लिए पड़ाव की व्यवस्था की गई है। कल सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर विशेष अनुष्ठान होंगे और श्री राम रेखा धाम विकास समिति के अधिकारी एवं कार्यकर्ता विशेष रूप से श्रद्धालुओं की सेवा कार्य में लगे हुए हैं।इधर धाम में विभिन्न स्थलों से साधु-महात्मा भी

पहुंचे हुए हैं। सिमडेगा में स्वर्गतुल्य है श्रीरामरेखाधाम

सिमडेगा:श्रीरामरेखाधाम सिमडेगा का स्वर्गतुल्य है।अत्यंत मनोरम

वादियों के बीच बसा रामरेखाधाम भगवान राम की शरणस्थली

रहा है। मान्यताओं के अनुसार भगवान राम वनवास के दौरान भ्राता लक्ष्मण एवं भार्या सीता के साथ यहां समय व्यतीत किए थे। धाम में विशालकाय गुफा मंदिर, सालों भर जल से लबालब रहने वाला धनुष कुंड, सीता चूल्हा, गरुड़ स्तंभ, चोटी पर स्थापित शिवालय, रामरेखा

बाबा की समाधि स्थल, बजरंगबली के मंदिर समेत कई ऐसे दर्शनीय स्थल हैं, जो श्रद्धालुओं के मान्यता को और ²ढ़ बनाते हैं। गुफा मंदिर में भगवान राम,लक्ष्मण एवं माता सीता की प्रतिमा,प्राचीन शिवलिग ,श्याम वर्ण का शंख समेत अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमा स्थापित

हैं। श्रीरामरेखाधाम में आज भी कुछ ऐसे रहस्यमयी गुफा भी मौजूद हैं,जो ऋषि-महर्षियों की तपस्थली के रूप से जाना जाता है। वर्तमान में इस गुफा तक जाने के लिए रास्ता काफी दुरुह है।


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