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आत्मसम्मान व अधिकार के साथ आगे बढ़ें दिव्यांग : सीजेएम

सिमडेगा जिला विधिक सेवा प्राधिकार सिमडेगा के तत्वावधान में विश्व विकलांगता दिवस के अवसर पर

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Dec 2019 11:30 PM (IST)Updated: Wed, 04 Dec 2019 06:20 AM (IST)
आत्मसम्मान व अधिकार के साथ आगे बढ़ें दिव्यांग : सीजेएम
आत्मसम्मान व अधिकार के साथ आगे बढ़ें दिव्यांग : सीजेएम

सिमडेगा : जिला विधिक सेवा प्राधिकार सिमडेगा के तत्वावधान में विश्व विकलांगता दिवस के अवसर पर जूनियर कैंब्रिज स्कूल सिमडेगा में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्यअतिथि मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आनंद मणि त्रिपाठी ने उपस्थित प्रतिभागियों को बताया कि हर साल 3 दिसंबर को दुनियाभर में विश्व विकलांगता दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मुख्य रूप से दिव्यागों के प्रति लोगों के व्यवहार में बदलाव लाने और उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरुक करने के लिए मनाया जाता है। 1992 के बाद से ही दुनियाभर में विश्व विकलांग दिवस मनाया जा रहा है। विकलांग दिवस, विकलांग व्यक्तियों के प्रति करुणा, आत्म-सम्मान और उनके जीवन को बेहतर बनाने के समर्थन के उद्देश्य से मनाया जाता है।संयुक्त राष्ट्र आम सभा ने 1981 को''विकलांग व्यक्तियों का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष''घोषित किया था।इसके बाद राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकलांग लोगों के लिए पुनरुद्धार, रोकथाम, प्रचार और बराबरी के मौकों पर जोर देने के लिए एक योजना का निर्माण किया गया। विकलांग व्यक्तियों के अंतरराष्ट्रीय उत्सव के लिए''पूर्ण सहभागिता और समानता''की थीम का चुनाव किया गया था। इस थीम के तहत समाज में विकलांगों को बराबरी के अवसर, उनके अधिकारों के बारे में लोगों को जागरुक करने और सामान्य नागरिकों की तरह उनकी सेहत

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पर भी ध्यान देने के साथ सामाजिक-आर्थिक स्थिति को सुधारने आदि पर ध्यान केंद्रित किया गया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1983 से 1992 को विकलांगों के लिए संयुक्त राष्ट्र के दशक की घोषणा की थी, ताकि वो सरकार और संगठनों को विश्व कार्यक्रम में अनुशंसित गतिविधियों को लागू करने के लिए एक लक्ष्य प्रदान कर सकें। इसके बाद 1992 से 3 दिसंबर, विश्व दिव्यांग दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।यूएन की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक इस साल दिव्यांग दिवस की थीम''विकलांग व्यक्तियों के नेतृत्व और उनकी भागीदारी को बढ़ावा देना है।2030 के विकास के एजेंडे में एक्शन लेना है।यह विषय 2030 एजेंडा में समावेशी, समान और सतत विकास के लिए विकलांग व्यक्तियों के सशक्तीकरण पर केंद्रित है, जो'किसी को पीछे नहीं छोड़ने' का संकल्प करता है और विकलांगता को क्रॉस-कटिग के मुद्दों के रूप में मान्यता देता है।अधिकतर लोग यह नहीं जानते हैं कि उनके आस-

पड़ोस में कितने दिव्यांग लोग हैं।समाज में उन्हें उनके अधिकार मिल रहे हैं या नहीं।इसलिए विकलांगजनों की वास्तविक स्थिति के बारे में सामान्य लोगों को बताने और जागरुक करने के लिए विश्व विकलांग दिवस मनाया जाता है। मंच संचालन करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकार के पैनल अधिवक्ता तेजबल शुभम ने बताया कि सरकार की विभिन्न योजनाएं जो दिव्यांग जनों से संबंधित है उसके संबंध में उचित जानकारी एवं लाभ स्थानीय आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से आसानी से प्राप्त की जा सकती है। कार्यक्रम का प्रारंभ स्वागत गीत के द्वारा किया गया जिसे विद्यालय के बच्चों ने बहुत ही खूबसूरती से प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में मुख्य तौर पर मनजीत कुमार साहु- न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, अधिवक्ता विजय कुमार मिश्र एवं जगदीश्वर साहु,बाल संप्रेक्षण गृह की काउंसलर कात्यायनी प्रसाद,विद्यालय के अधिकारी, कर्मी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।


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