पांच भाई-बहनों की पालनहार है नाबालिग इशिका
जिले में पालनी जैसे कई ऐसी बच्चियां हैजो कई झंझावतों को झेलने को विवश हैं।
सिमडेगा:जिले में पालनी जैसे कई ऐसी बच्चियां है,जो कई झंझावतों
को झेलने को विवश हैं। स्थिति यह है कि पालनहार की तलाश में अब थक चुकी एक और 16 वर्षीय नाबालिग इशिका स्कूल जाने की उम्र
में अपने पांच भाई-बहनों की परवरिश की जिम्मेदारी अपने कंधे पर उठा रही है। विदित हो उसके पिता पिता का साया सात वर्ष पूर्व इनके सिर से उठ गया और मां भी इन्हें अकेला छोड़ कही चली गई। सिमडेगा के लचडागढ के पाहनटोली में आज इस टुटे-फुटे घर में 16 वर्षीय इशिका अपने 5 छोटे भाई-बहनों के साथ किसी पालनहार की उम्मीद में बाट जोह रही है। साथ तमाम मुश्किल व हालातों से लड़कर भाई बहनों के लिए जी रही है। ये अपने भाई बहनों को पढाना चाहती है। तीन बहनें सरकारी स्कूल जाती हैं। लेकिन भाई पैसे की कमी के कारण स्कूल नही जा पाता है। इशिका के भाई-बहनों में प्राची जोजो,अर्चना जोजो
सेनेन जोजो, सुशील जोजो व एक अन्य शामिल हैं। इशिका ने बताया कि किस्मत ने पिता का साया छीन लिया, मां भी बेसहारा छोड़ कहीं
चली गई ।दाने-दाने के लिए मोहताज वह दूसरों के भरोसे हैं । आस पड़ोस वाले कुछ देते हैं तो ये खाना खा लेते है,नहीं तो भूखे सो जाते हैं। 15 वर्षीय इशीका को गांव वालों के तानों का बाण भी सहना पड़ता है।इधर जिले के डीसी ने इशिका से मिले। डीसी ने उनके दर्द सुन वे भी भावुक हो गए। उन्होंने इन बच्चों को नियमित पढ़ने और भोजन के लिए आर्थिक मदद की बात कही। साथ हीं उन्होंने इनके पढाई की व्यवस्था करने की बात कही।