तीर्थ भ्रमण से लौटे डॉ.पद्मराज, हुआ स्वागत
सिमडेगावाणी-भूषण डॉ. पद्मराज जी महाराज पंच दिवसीय यात्रा के बाद मंगलवार को 12 15 बजे सि
सिमडेगा:वाणी-भूषण डॉ. पद्मराज जी महाराज पंच दिवसीय यात्रा के बाद मंगलवार को 12 : 15 बजे सिमडेगा पहुंचे। उन्होंने सर्वप्रथम महावीर चौक पर बजरंगबली हनुमान जी की वन्दना की और उसके बाद जैन भवन पधारे। जहां गुरुमां की अगवानी में गुरुदेव का स्वागत किया गया।
ज्ञातव्य है कि महावीर जयंती महोत्सव करके डॉ. पद्मराज जी महाराज ओली पर्व के समापन समारोह में धनबाद पधारे थे। वहां का कार्यक्रम सफलता पूर्वक सम्पन्न करके महाराज जी गिरिडीह में स्थित ऋजुबालिका तीर्थ जो कि तीर्थंकर महावीर प्रभु को केवलज्ञान प्राप्ति स्थल है, में जाकर प्रभु के दर्शन और वन्दन किए। उसके बाद वे 20 तीर्थंकरों की निर्वाण भूमि सम्मेद शिखर महातीर्थ वन्दना हेतु पारसनाथ पधारे। इस तीर्थ की विशेष बात का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि यहां स्थित 23 वें तीर्थंकर प्रभु पार्श्वनाथ मंदिर के नीचे पवित्र गुफा में एक शिला है। धारणा है कि प्रभु ने निर्वाण से पूर्व इसी शिला पर अपना शरीर छोड़ा था। इससे निर्वाण यात्रा सम्पन्न करने के कारण यह शिला सचमुच में धन्य हो गई। इसके समक्ष बैठकर प्रभु स्तुति करने का अनुभव बहुत अछ्वुत होता है। जहाँ से तीर्थंकर प्रभु ने मोक्ष प्राप्त किया वह भूमि सचमुच में तीर्थ बन जाती है।
महाराज जी ने बताया कि प्रतिदिन सुबह 6 : 30 बजे से प्रार्थना सभा आयोजित होगी। डॉ. पद्मराज जी महाराज की 25 वीं दीक्षा जयंती (रजत दीक्षा जयंती) 7 मई को मनाई जाएगी। गुरुमां और सभाध्यक्ष अशोक जैन ने बताया कि पूज्य गुरुदेव डॉ. पद्मराज जी महाराज की 25 वीं दीक्षा जयंती (दीक्षा रजत जयंती) 07 मई को जैन भवन धूमधाम से मनाई जाएगी।