स्वामी विवेकानंद का आदर्श भारत को बनाएगा विश्वगुरु : प्रो.षाड़ंगी
सिमडेगा : स्वामी विवेकानंद जयंती शनिवार को जिले में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया गया।
सिमडेगा : स्वामी विवेकानंद जयंती शनिवार को जिले में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया गया। इस मौके पर विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों व स्कूलों में स्वामी विवेकानंद की जयंती मनाई। शिक्षक व विद्यार्थियों ने स्वामी विवेकानंद की तस्वीर पर माल्यार्पण कर स्वामी विवेकानंद की जीवनी व उनके संदेशों से प्रेरणा लेने का संकल्प लिया। इस मौके पर शिक्षकों द्वारा अपने विद्यार्थियों को स्वामी विवेकानंद की त्याग-तपस्या के बारे में बताया गया। इस मौके पर स्कूलों में प्रतियोगिता भी आयोजित किए गए।
इधर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सिमडेगा इकाई द्वारा स्वामी विवेकानंद जयंती सह युवा दिवस का कार्यक्रम प्रांत जनजातीय कार्य सह प्रमुख नीलम बड़ाईक की अध्यक्षता में महावीर चौक स्थित महावीर मंदिर परिसर में हुआ । कार्यक्रम का संचालन प्रान्त कार्यसमिति लिपिका मिश्रा ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत शिक्षक कार्यकर्ता और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं द्वारा स्वामी विवेकानंद एवं मां सरस्वती के चित्र के सामने दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्प अर्पण कर के किया गया। प्रो. मनोज षाड़ंगी द्वारा युवाओं को स्वामी विवेकानंद के प्रेरणा को ध्यान में रख कर देश को दोबारा विश्व गुरु बनाने की बात कही गयी। वहीं शिक्षक कार्यकर्ता गोरखनाथ ¨सह ने विवेकानंद की जीवनी पर प्रकाश डाला।इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रान्त कार्यकारिणी महादेव प्रसाद,जिला सोशल मीडिया प्रभारी तेजनारायण ¨सह, सह प्रभारी भरत ¨सह, कार्यकर्ता निरंजन कुमार, दीक्षा कुमारी, सोनी बड़ाईक,अमित प्रसाद,सूरज मिश्रा, सुबोध प्रसाद, अंकित, शनि वर्मा, शंकर सोनी, भूषण पंडा, भास्कर मणि पाठक, सुलेन्द्र साहू, समीर केरकेट्टा, प्रवीण बड़ाईक आदि उपस्थित थे। -----लक्ष्य प्राप्ति तक नहीं रूकें विद्यार्थी:प्राचार्य
डीएवी पब्लिक स्कूल सिमडेगा के प्रांगण में स्वामी विवेकानंद की जयंती धूमधाम से मनाई गई। मौके पर प्राचार्य अनिल कुमार सिन्हा ने स्वामी जी की तस्वीर पर माल्यार्पण किया। वहीं मौके पर दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मौके पर
प्राचार्य ने कहा कि स्वामी जी ने कहा था कि उठो, जागो और जब तक रूको नहीं, जबतक लक्ष्य प्राप्त नहीं हो जाए। यह जीवन अल्प कालीन है। विलासिता क्षणिक है, लेकिन जो दूसरों के लिए जीते हैं, वे वास्तव में जीते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से स्वामी जी के संदेश को आत्मसात करने की बात कही। मौके पर वरिष्ठ शिक्षक चक्रधर ¨सह ने स्वामी जी की जीवनी पर प्रकाश डाला।