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बेहतर खेती से किसान होंगे आत्मनिर्भर : डा.सुभाष

संयुक्त कृषि निदेशक व निदेशक समिति रांची के डा. सुभाष सिंह की अध्यक्षता में

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 08:07 PM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 08:07 PM (IST)
बेहतर खेती से किसान होंगे आत्मनिर्भर : डा.सुभाष
बेहतर खेती से किसान होंगे आत्मनिर्भर : डा.सुभाष

जासं,सिमडेगा : संयुक्त कृषि निदेशक व निदेशक समिति रांची के डा. सुभाष सिंह की अध्यक्षता में आत्मा सभाकक्ष में शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। डा. सुभाष सिंह ने बताया कि कार्यों को ओर बेहतर माध्यम से करते हुए किसानों को सरकार की लाभकारी योजनाओं से आच्छादित करना है। इस दिशा में बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। पदाधिकारी, वैज्ञानिक एवं किसान जब तीनों मिलकर काम करेंगे, तो कृषि के क्षेत्र में ओर बेहतर कार्य जिले में किया जाएगा। जिले के किसानों की ज्यादा से ज्यादा आमदनी बढ़े एवं किसान आर्थिक रूप से सशक्त बनें, इस उद्देश्य के साथ जिले में कार्य किए जा रहे हैं। तकनीकी विधि से कृषि को बढ़ावा दिया जाए, ताकि कम खर्च में किसान भाइयों को अधिक मुनाफा हो। इस वर्ष जिले के किसानों के लाभ के लिए प्रत्यक्ष रूप से जो योजनाएं ली गई हैं, उसके बारे में भी बताया गया। भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना इस बार सरसो उत्पाद की है। जिले को 200 क्विटल बीज प्राप्त हैं। यह बीज ऐसे किसानों के बीच वितरण किया जाना है, जो नीचे तबके से आते हैं। किसानों के चयन के समय सिचांई की भी सुविधा हो, इसका आकलन करने के बारे में बताया। मध्यम एवं नीचे की भूमि पर खेती हो, ऊपरी जमीन हो तो सिचाई सुविधा के माध्यम से खेती की जा सकती है। उन्होंने बीज को बेहतर गुणवता का भी बताया, ताकि किसानों का ज्यादा से ज्यादा उत्पादन हो और आमदनी बढ़े। सरसों की खेती करने से अपने देश में हीं पर्याप्त मात्रा में सरसों के तेल का उत्पादन होगा, बाहर देशों से नहीं लेना पड़ेगा। इससे देश की विदेशी मुद्रा भी बचेगी। मिनी किट में लगभग 46 क्विटल बीज अलग से मिला है। इसे दो-दो किलो का पैकेट बनाकर किसानों के बीच वितरण किया जाएगा। इससे जिले के 2989 किसान आच्छादित होंगे। एक पैकेट से डेढ़ एकड़ में खेती विधिअनुसार की जा सकती है। एनएफएसएम योजना के अंतर्गत चना 93.6 क्विटल प्राप्त हैं। वैज्ञानिक विधि से लगाने से जिले के किसान दलहन में भी आत्मनिर्भर होंगे। मसूर बीज 14 क्विटल दिया जा रहा है। मसूर का वितरण निश्शुल्क किया जाना है। जो बीज किसानों को मिल रहा है,उसे किसान समय पर खेतों में लगाएं। बीजीआरआइ योजना के तहत गेहूं 406 क्विटल दिया जा रहा है, जो नि:शुल्क किसानों को दिया जाएगा। इस योजना में भी मसूर बीज 167, सरसो बीज भी 36, चना 510 क्विटल दिया जा रहा है। बीज विनियम वितरण योजना अंतर्गत 50 प्रतिशत सब्सीडी पर गेहूं 200 एवं चना में 20 क्विटल उपलब्ध कराया गया है। जो इच्छुक किसान हैं, वे अपना पैसा आधा लगाकर भी बुनाई कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कृषि का समेकित विकास तब हो सकता है, जब सभी लाइन विभाग से जिले के किसानों को आच्छादित करते हुए समेकित पद्धति से योजनाओं से आच्छादित हो। किसान आगे आकर योजना का लाभ उठाएं। बिचैलियों के चक्कर में न पड़ें। मौके पर जिला कृषि पदाधिकारी, परियोजना निदेशक आत्मा सिमडेगा के अलावे अन्य उपस्थित थे।

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