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हर्षोल्लासे से मनाया गया खजूर पर्व,चर्चों में हुए अनुष्ठान

सिमडेगा शहर के सामटोली महागिरजाघर में रविवार को खजूर पर्व मनाया गया। सर्वप्रथम खजूर ड

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Apr 2019 10:41 PM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 06:45 AM (IST)
हर्षोल्लासे से मनाया गया खजूर पर्व,चर्चों में हुए अनुष्ठान
हर्षोल्लासे से मनाया गया खजूर पर्व,चर्चों में हुए अनुष्ठान

सिमडेगा: शहर के सामटोली महागिरजाघर में रविवार को खजूर पर्व मनाया गया। सर्वप्रथम खजूर डाली की आशीष उर्सुलाईन कांवेंट में हुई। इसके बाद जुलूस के शक्ल में गीत गाते हुए ºीस्त विश्वासी भक्ति पूर्वक हाथ में खजूर की डाली लेकर गीत गाए। समारोह के दौरान बिशप स्वामी विसेंट बरवा के अगुवाई में मिस्सा अर्पित किया। उनके सहयोगी के रूप में फादर तोबियस केरकेट्टा, फादर इग्नासियुस टेटे, फादर अलेक्जेंडर तिर्की आदि ने अहम भूमिका निभाई। इस मौके पर बिशप ने अपने संदेश में कहा कि विश्वासी अपने जीवन को सार्थक बनाएं। उन्होंने कहा कि खजूर पर्व हमें त्याग, तपस्या व ईमानदारी से जीवन-यापन करने का संदेश देता है। मौके पर बड़ी संख्या में धर्मावलंबी उपस्थित थे।

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प्रभु का दुख भोग व येरूसलेम का प्रवेश यादगार : फा. इसीदोर

पुण्य सप्ताह के तहत धार्मिक कार्यक्रम का हुआ आयोजन, निकाली गई शोभायात्रा

फोटो संख्या:1

संवाद सूत्र, कुरडेग : प्रखंड के कैथोलिक पल्ली खालीजोर में प्रभु ईशु के दुख भोग काल के पुण्य सप्ताह के प्रथम रविवार को खजूर पर्व के अवसर पर विशेष धार्मिक मिस्सा अनुष्ठान का आयोजन हुआ। फा. इसीदोर केरकेट्टा एवं अन्य पुरोहितों ने इसे संपन्न कराया। मिस्सा अनुष्ठान के पूर्व पारंपरिक तरीके से सर्वप्रथम खजूर की डालियों का आशीष पुरोहितों द्वारा किया गया। इसके बाद सभी हाथों में खजूर की डालिया लिए ईशु का जय जयकार करते धार्मिक शोभायात्रा में शामिल हुए। शोभायात्रा के बाद फिर से धार्मिक मिस्सा अनुष्ठान संपन्न किया गया। फा इसीदोर केरकेट्टा ने संदेश में कहा कि प्रभु ईशु का दुख भोग तथा येरूसलेम का प्रवेश एक यादगार समय है जो प्रभु के दुख भोग तथा क्रूस मरण को याद दिलाता है। यह समय मानव पुत्र के जीवन का महत्वपूर्ण तथा पुण्य समय है जो प्रभु ने निर्दोष होकर भी क्रूस मरण को स्वीकार किया और मानव जाति को पाप से मुक्ति दिलाने के लिए क्रूस पर बलिदान हुए। प्रभु ईशु के दुख भोग, मरण तथा पुनरूत्थान में सहभागिता होकर पुण्य सप्ताह में मनन चितन करें और पास्का पर्व के बलि भोज में आत्मिक रूप से भाग लें। मौके पर फा बिपिन किशोर सोरेंग, फा बेर्नार्ड डांग तथा काफी संख्या में समुदाय के लोग उपस्थित थे वहीं भक्ति संगीत का संचालन सर्पमुण्डा के युवक युवतियों ने किया ।


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