आंगनबाड़ी केंद्र जर्जर,दूसरे भवन में चलता है केंद्र
आंगनबाड़ी केंद्र जर्जरदूसरे भवन में चलता है केंद्र
आंगनबाड़ी केंद्र जर्जर,दूसरे भवन में चलता है केंद्र
संसू,कोलेबिरा:प्रदेश सरकार छोटे-छोटे बच्चों के विकास,पोषण व आरंभिक शिक्षा के लिए विशेष जोर दे रही है। कई आंगनबाड़ी को माडल बनाकर उसमें आधुनिक स्तर की सुविधाएं भी दी गई है,परंतु, अब भी कई ऐसे आंगनबाड़ी केंद्र हैं, जिनकी स्थिति अत्यंत दयनीय एवं खस्ता हाल हैं।जिले के कोलेबिरा प्रखंड अवस्थित बरसलोया गांव का आंगनबाड़ी केंद्र भी उन्हीं में से एक है,जो अव्यवस्थाओं का दंश झेल रहा है।आंगनबाड़ी भवन काफी जर्जर हो गया है।खिड़की-दरवाजे सब गायब हैं।यहां पेयजल की समस्याएं तो है ही, साथ ही शौचालय कि स्थिति भी बदहाल है। छोटे-छोटे नौनिहालों का अपना आंगनबाड़ी भवन नहीं है। वे बगल में आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्र में बैठकर पढ़ाई व अन्य क्रियाकलाप करते हैं।बच्चों को शुद्ध पेयजल के लिए भी मशक्कत करनी पड़ती है।आंगनबाड़ी सेविका गीता देवी के अनुसार बच्चों को मानक के अनुसार अन्य सुविधाएं तो मिलती है।परंतु,बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है।वहीं आंगनबाड़ी भवन की मरम्मत को लेकर विभाग को कुछ महीने पहले आवेदन तो दिया गया है पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।वही अभिभावकों का कहना है पेयजल के लिए बच्चों के अनुकूल (चाइल्ड फ्रेंडली) हैंडपंप भी लगाए जाएं।एव जल्द आंगनबाड़ी केंद्र के मरम्मत की जाए। जिसमें नौनिहाल बच्चों के विकास के लिए बुनियाद शिक्षा से संबंधित माहौल रहे तभी नौनिहालों का विकास, पोषण और आरंभिक शिक्षा बेहतर तरीके से मिल
सकेगा।