जान-माल की क्षति पहुंचा रहे हैं जंगली हाथी, वन विभाग जंगल की ओर भगाने की करे व्यवस्था
खरसावां के संतारी समेत आसपास के गांव के किसान इन दिनों जंगली हाथियों के उत्पात से परेशान हैं। किसानों ने शनिवार को वन विभाग कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन भी किया..
संवाद सूत्र, खरसावां : खरसावां के संतारी समेत आसपास के गांव के किसान इन दिनों जंगली हाथियों के उत्पात से परेशान हैं। किसानों ने शनिवार को वन विभाग कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन भी किया। किसानों ने बताया कि पिछले 20 वर्षो से क्षेत्र के किसान जंगली हाथियों के उत्पात से परेशान हैं। जंगली हाथियों के कारण किसानों को जान-माल की क्षति हो रही है। खेतों में तैयार धान के फसल को जंगली हाथी रौंद कर बर्बाद कर रहे हैं। परंतु वन विभाग इन हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ने की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। किसानों ने कहा कि जंगली हाथियों को जंगल की ओर नहीं खदेड़ा गया तो किसान आंदोलन करेंगे। मौके पर किसानों ने वन प्रमंडल पदाधिकारी के नाम रेंजर अपर्णा चंद्रा ज्ञापन भी सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से कहा गया है कि जंगली हाथियों से जान-माल की सुरक्षा के लिए स्थाई समाधान किया जाए। हाथियों की समस्या को लेकर ग्रामीणों के साथ वन विभाग के अधिकारी ग्राम सभा करें। हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ने के लिए मशाल, डीजल, जला मोबिल, पटाखा आदि उपलब्ध कराई जाए। हाथियों को भगाने के लिए नियमित रूप से पेट्रोलिग की व्यवस्था की जाए। साथ ही हाथी कॉरिडोर को विकसित किया जाए। मौके पर वन क्षेत्र पदाधिकारी अपर्णा चंद्रा, वनपाल लोदरो हेस्सा आदि ने किसानों को हरसंभव सहयोग करने का का भरोसा दिया। मौके पर ग्राम प्रधान हरि शंकर सतपथी, वार्ड सदस्य सुधांशु शेखर चौहान, सोनाराम महतो, बहादुर महतो, बलभद्र महतो, शिवशंकर राय, पिटू मंडल, विजय चौहान, कृष्णा सतपथी, बॉबी सरदार, आशीष महतो, शंभू महतो, कंचन चौहान, कमल महतो, गजेंद्र नाथ चौहान, रुद्रो महतो, श्याम प्रसाद पाल, अजय महतो, साइबु महतो, कमल लोचन महतो आदि उपस्थित थे। जंगली हाथियों से किसानों के जान-माल की सुरक्षा के लिए वन विभाग की ओर से हरसंभव सहयोग किया जाएगा। हाथियों को जंगल की ओर भगाने के लिए किसानों को मशाल, डीजल, जला मोबिल, पटाखा आदि उपलब्ध कराया जाएगा। किसानों को हाथियों द्वारा किए गए नुकसान का मुआवजा सरकारी मापदंड के अनुसार दिया जाएगा। मुआवजा के लिए किसान आवश्यक कागजात के साथ आवेदन करें।
- अपर्णा चंद्रा, रेंजर, खरसावां वन क्षेत्र।