बच्चों को दें मातृभाषा में शिक्षा : आदित्य पात्र
ओड़िया सामाजिक संगठन उत्कल सम्मेलनी की ओर से खरसावां के पीडब्लूडी गेस्ट हाउस में ओड़िया शिक्षकों के बीच पुस्तक का वितरण किया गया।
संवाद सूत्र, खरसावां : ओड़िया सामाजिक संगठन उत्कल सम्मेलनी की ओर से खरसावां के पीडब्लूडी गेस्ट हाउस में कार्यक्रम आयोजित कर उच्च विद्यालयों के शिक्षकों को ओड़िया साहित्य व व्याकरण की पुस्तकें दी गई। सरायकेला-खरसावां में कक्षा नौ में 445 व कक्षा दस में 824 ओड़िया साहित्य की पुस्तकें व 930 व्याकरण की पुस्तकों का वितरण किया जाएगा। भुवनेश्वर से आए उत्कल सम्मेलनी के केंद्रीय अध्यक्ष आदित्य पात्रो, कोषाध्यक्ष विमल षाड़ंगी, जिलाध्यक्ष हरिशचंद्र आचार्या, उपाध्यक्ष सुमंत मोहंती, जिला परिदर्शक सुशील षाड़ंगी ने क्षेत्र के विभिन्न उच्च विद्यालयों के शिक्षकों को ओड़िया साहित्य व व्याकरण की पुस्तकें उपलब्ध कराया। सरायकेला-खरसावां जिला के उच्च विद्यालयों के ओड़िया भाषी छात्रों को मातृभाषा ओड़िया साहित्य व व्याकरण की पुस्तक निश्शुल्क मिलेगी। ओडिशा सरकार इन पुस्तकों का वितरण सामाजिक संगठन उत्कल सम्मेलनी के माध्यम से करा रही है। भुवनेश्वर से आए उत्कल सम्मेलनी के केंद्रीय अध्यक्ष आदित्य पात्रो ने कहा कि हमारी मातृभाषा ही हमारी पहचान है। उन्होंने कहा कि ओड़िया भाषा का महत्व किसी अन्य भाषा से कम नहीं है। ओड़िया भाषा को शास्त्रीय भाषा का मान्यता मिला है। इसे और सशक्त बनाने के लिए सभी लोगों को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त करना बच्चों का अधिकार है। बच्चों को इससे वंचित नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जब बच्चे अपनी मातृभाषा में पढ़ाई करते हैं तो उनका बौद्धिक विकास तेजी से होता है। उन्होंने लोगों से अपने बच्चों को मातृभाषा ओड़िया में पढ़ाने की अपील की। श्री पात्रो ने बताया कि पूर्व में भी कक्षा एक से आठ के बच्चों के लिए ओड़िया साहित्य की पुस्तकें उपलब्ध कराई गई हैं। मौके पर समाजसेवी माधव चरण सतपथी, सपन मंडल, अनीता दलबेहरा, सत्यव्रत चौहान, चंद्रभानू प्रधान, रंजीत मंडल, जयजीत षाड़ंगी, रचिता मोहंती, सपना टोपी, पुष्पचंपा बेहरा, धरणीधर मंडल, कुंती मंडल, भरत चंद्र मिश्रा, कनीता दे, चंद्रीका लेंका आदि उपस्थित थे।