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हाथी ने खेत से लौट रहे किसान को पटककर मार डाला

जागरण संवाददाता सरायकेला सरायकेला प्रखंड अंतर्गत भालूकपहाड़ी क्षेत्र में हाथियों के झु

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Nov 2021 06:00 AM (IST)Updated: Mon, 22 Nov 2021 06:00 AM (IST)
हाथी ने खेत से लौट रहे किसान  को पटककर मार डाला
हाथी ने खेत से लौट रहे किसान को पटककर मार डाला

जागरण संवाददाता, सरायकेला : सरायकेला प्रखंड अंतर्गत भालूकपहाड़ी क्षेत्र में हाथियों के झुंड ने भालूकपहाड़ी के महुलपानी टोला स्थित 40 वर्षीय किसान विभीषण महतो की जान ले ली। शनिवार की शाम से ही जंगली हाथियों का झुंड भालूकपहाड़ी वन क्षेत्र में डेरा जमाए हुए हैं। जंगली हाथियों के बीच एक छोटा हाथी भी है। ग्रामीणों की माने तो एक झूंड में 11 हाथी हैं, जबकि एक हाथी अकेले विचरण कर रहा है।

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शनिवार की देर शाम तकरीबन 7:30 बजे विभीषण महतो अपने भांजे लालू महतो के साथ खेत में धान की फसल को देख कर वापस अपने घर की ओर लौट रहे था, तभी अचानक से जंगली हाथी उनके सामने आ गए। यह देख भगीना लालू महतो सुरक्षा की आवाज लगाते हुए भागने में सफल रहा। जबकि विभीषण महतो को हाथियों ने पटक-पटककर मार डाला। घटना की सूचना मिलते ही मुंडाटांड पंचायत के पूर्व मुखिया दशरथ महाली घटनास्थल पर पहुंचकर इसकी जानकारी वन विभाग को दिए। जिस पर फॉरेस्टर त्रिदीप महतो अपने दल बल के साथ जाकर भालूकपहाड़ी क्षेत्र में कैंप किए। जिसके बाद जंगली हाथियों के दोनों दल को सुरक्षित डुमरा की ओर रवाना किए जाने की बात बताई गई।

घटना के बाद रविवार की अहले सुबह पुलिस ने पहुंचकर शव का पंचनामा करते हुए पोस्टमार्टम के लिए सरायकेला सदर अस्पताल भेज दिया। इसके साथ ही वन विभाग की ओर से रेंजर प्रकाश चंद्र एवं फॉरेस्टर त्रिदीप महतो सहित वनरक्षी मृतक विभीषण महतो के घर पर जाकर उनकी पत्नी को सरकारी प्रावधान के अनुसार त्वरित लाभ के रूप में 25 हजार की राशि प्रदान किए। उन्होंने बताया कि शेष प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रावधान के अनुसार मृतक के परिजन को तीन लाख 75 हजार और प्रदान किया जाएगा।

इधर घटना को लेकर स्थानीय ग्रामीणों में दहशत और आक्रोश दोनों ही समान रूप से लिखा जा रहा है। आंखों आंखों में कट रही रात का बयान करते हुए ग्रामीण बताते हैं कि भालूकपहाड़ी क्षेत्र में प्रतिवर्ष सीजन के दिनों में जंगली हाथियों का आतंक छाया रहता है। और जान-माल की क्षति की जाती रही है। इससे 3 वर्ष पूर्व भी ससुराल आए एक दामाद को जंगली हाथियों ने अपनी चपेट में लिया था। जो वर्तमान में दोनों पैरों से दिव्यांग हो चुका है।


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