सुहागिनों ने की महागौरी की पूजा, मांगी सुहाग व परिवार की सुख-समृद्धि
सरायकेला नगर क्षेत्र स्थित सरकारी दुर्गा पूजा मंडप में सरकारी स्तर पर व श्री श्री पब्लिक दुर्गा पूजा मंडप में शुक्रवार को महाअष्टमी की पूजा की गई। इस अवसर पर मां दुर्गा के आठवें स्वरूप माता महागौरी की आराधना कर मंगलकामना की गई। इस अवसर पर सुहागिन महिलाओं ने दोनों पूजा मंडपों में मां दुर्गा के माता महागौरी स्वरूप की पूजा-अर्चना कर अपने सुहाग व परिवार के लिए सुख-समृद्धि की प्रार्थना की..
जागरण संवाददाता, सरायकेला : सरायकेला नगर क्षेत्र स्थित सरकारी दुर्गा पूजा मंडप में सरकारी स्तर पर व श्री श्री पब्लिक दुर्गा पूजा मंडप में शुक्रवार को महाअष्टमी की पूजा की गई। इस अवसर पर मां दुर्गा के आठवें स्वरूप माता महागौरी की आराधना कर मंगलकामना की गई। इस अवसर पर सुहागिन महिलाओं ने दोनों पूजा मंडपों में मां दुर्गा के माता महागौरी स्वरूप की पूजा-अर्चना कर अपने सुहाग व परिवार के लिए सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। नगर क्षेत्र स्थित इंद्रटांडी मोहल्ला में श्री श्री सरायकेला दुर्गा पूजा कमेटी और श्री श्री सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति के पंडालों व हंसाहुड़ी स्थित पूजा पंडाल में पंचंगीय दशा के अनुसार महासप्तमी की पूजा कर माता के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की आराधना की गई। इस अवसर पर विश्व समेत देश को कोरोना महामारी से मुक्ति दिलाने के लिए सार्वजनिक प्रार्थना की गई।
महामेरू बलिदान आज
तांत्रिक मतानुसार श्री श्री पब्लिक दुर्गा पूजा कमेटी में होने वाली मां दुर्गा के पूजा के तहत शुक्रवार की मध्य रात्रि महामेरू बलिदान किया जाएगा। पंचांगीय दशा के अनुसार रात्रि 11:44:52 बजे माता की प्रसन्नता के लिए बकरों की बलि के साथ-साथ परंपरानुसार भैंसे की बलि भी दी जाएगी।
नवमी पर नुआखिया
शनिवार को महानवमी की पूजा कर शक्ति स्वरूपा मां पाउड़ी को नया अनाज का भोग चढ़ाया जाएगा। उसके बाद राज परिवार के सदस्य नुआखिया मनाते हुए प्रसाद स्वरूप नया अनाज के भोग का सेवन करेंगे। परंपरानुसार इसके बाद सभी घरों में नया अनाज पकाया जाएगा।
संपन्न हुई 16 पूजा
कोल्हान के पोड़ाहाट की परंपरागत मां दुर्गा की 16 दिवसीय 16 पूजा का समापन शुक्रवार को महाअष्टमी की पूजा के साथ किया गया। इस अवसर पर सरायकेला के राजा प्रताप आदित्य सिंहदेव व रानी अरुणिमा सिंहदेव ने मां पाउड़ी की आराधना शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा के रूप में की। उसके बाद राज परिवार के सभी सदस्यों ने माता के दर्शन किए। इस अवसर पर मां की प्रसन्नता के लिए बलि देते हुए भोग प्रसाद का चढ़ावा चढ़ाया गया, जिसे भक्तों के बीच वितरण किया गया। बताते चलें कि प्रचलित 16 पूजा परंपरा के अनुसार जिउतिया अष्टमी से महाष्टमी तक 16 दिनों तक सरायकेला के राजा व रानी मां पाऊड़ी की आराधना शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा के रूप में करते हैं।