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श्री सीमेंट कंपनी ने आपदा प्रबंधन में कोष में दिए सात लाख रु पये

हांसदा स्थित श्री झारखंड सीमेंट प्लांट (श्री सीमेंट लिमिटेड की एक इकाई) ने कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व के तहत सरायकेला-खरसावां जिले के आपदा प्रबंधन में सात लाख रुपए की सहयोग राशि प्रदान की है। कंपनी के उप महा प्रबंधक रमाकांत सिंह ने बताया कि होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना संक्रमित मरीजों के लिये भी तीन लाख रुपए के मेडिकल किट जल्द ही जिला प्रशासन को शीघ्र ही उपलब्ध कराएगी..

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 May 2021 07:30 AM (IST)Updated: Sat, 15 May 2021 07:30 AM (IST)
श्री सीमेंट कंपनी ने आपदा प्रबंधन में कोष में दिए सात लाख रु पये
श्री सीमेंट कंपनी ने आपदा प्रबंधन में कोष में दिए सात लाख रु पये

संवाद सूत्र, खरसावां : हांसदा स्थित श्री झारखंड सीमेंट प्लांट (श्री सीमेंट लिमिटेड की एक इकाई) ने कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व के तहत सरायकेला-खरसावां जिले के आपदा प्रबंधन में सात लाख रुपए की सहयोग राशि प्रदान की है। कंपनी के उप महा प्रबंधक रमाकांत सिंह ने बताया कि होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना संक्रमित मरीजों के लिये भी तीन लाख रुपए के मेडिकल किट जल्द ही जिला प्रशासन को शीघ्र ही उपलब्ध करायेगी। साथ ही उद्योग विभाग को भी दो लाख रुपये के मेडिकल किट उपलब्ध कराया जायेगा। साथ ही साथ प्लांट के नजदीकी गांवों में निरंतर फेस मास्क और सैनिटाइजर का वितरण लगातार किया जा रहा है। श्री झारखंड सीमेंट प्लांट के आरके सिंह ने बताया कि कारखाना के आसपास के सभी क्षेत्र वासी कंपनी परिवार के महत्वपूर्ण अंग हैं और इस अंग को किसी भी विपदा से बचाए रखना कंपनी प्रबंधन का मुख्य कर्तव्य है। सीएसआर विभाग के बद्री नाथ डे ने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से निर्देशित कार्यों के अतिरिक्त भी कंपनी इस महामारी से बचाव के लिए निरंतर कार्य कर रही है। कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक संसाधनों का वितरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि समाज व जनता की सेवा के लिए श्री झारखंड सीमेंट प्लांट की भूमिका हर क्षेत्र में सदैव अग्रणी रही है। धार्मिक संस्कारों के साथ मनी अक्षय तृतीया व परशुराम जयंती: आस्था के महापर्व अक्षय तृतीया पर भी लगातार दूसरी बार कोरोना का संकट छाया रहा। इसे लेकर लोगों ने परंपरा अनुसार धार्मिक रीति-रिवाजों का घरों पर ही पालन किया। शुद्धता के साथ स्नान ध्यान कर अपने आराध्य की पूजा अर्चना करते हुए दान और गुप्त दान भी किए। परंतु इस अवसर पर किसी नए कार्य के शुभारंभ जैसे कार्य नहीं किए जा सके। ना ही किसी प्रकार के सोने चांदी या धातु के सामान की खरीददारी की जा सकी। सरकार द्वारा जारी स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को लेकर धातु के और सोने चांदी के दुकान गैर जरूरत सामानों की दुकान के तौर पर बंद रहे। वहीं अक्षय तृतीया पर इस साल भी बिक्री को लेकर भारी नुकसान झेल रहे सोने चांदी के दुकानों और धातु वाले बर्तन दुकानों के दुकानदार कोरोना के इस संक्रमण काल को कोसते हुए देखे गए।

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इधर ब्राह्मण परिवारों में घरों पर ही भगवान परशुराम की जयंती श्रद्धा भाव के साथ मनाई गई। जिसमें भगवान परशुराम की आराधना और आरती करते हुए ब्राह्मण परिवारों द्वारा विश्व के लिए शांति और कोरोना से मुक्ति की प्रार्थना की गई।


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