महाराज प्रमाणिक को सरायकेला पुलिस ने मेडिकल करा कर भेजा जेल
शुक्रवार को रांची में आत्मसमर्पण के बाद 10 लाख के हार्डकोर इनामी नक्सली महाराज प्रमाणिक को शनिवार को सरायकेला जेल भेज दिया गया है। इससे पूर्व कड़ी सुरक्षा के बीच महाराज का सदर अस्पताल सरायकेला में मेडिकल जांच कराया गया।
जागरण संवाददाता, सरायकेला : शुक्रवार को रांची में आत्मसमर्पण के बाद 10 लाख के हार्डकोर इनामी नक्सली महाराज प्रमाणिक को शनिवार को सरायकेला जेल भेज दिया गया है। इससे पूर्व कड़ी सुरक्षा के बीच महाराज का सदर अस्पताल सरायकेला में मेडिकल जांच कराया गया। जहां महाराज प्रमाणिक ने राजनीति में आने के संकेत दिए हैं। एक सवाल के जवाब में महाराज प्रमाणिक ने कहा जल्द ही पूरे मामले से बरी होने के बाद समाज सेवा के क्षेत्र में आऊंगा और जनता के बीच रहूंगा। महाराज ने बताया, कि गुमराह होकर वह नक्सलवाद के रास्ते चला गया था। मगर महाराज ने युवाओं से नक्सलवाद के रास्ते पर ना जाने की अपील की। उसने समाज से भटके युवाओं से मुख्यधारा में लौटने की अपील की। उसने कहा कि नक्सली संगठनों के पास कोई सिद्धांत या विचारधारा नहीं बची है। उनका एकमात्र लक्ष्य अवैध वसूली करना है। महाराज ने कहा कि माओवादी संगठन में बड़े लीडर महिलाओं का शोषण करते हैं। हथियारों के बल पर लोगों को भयभीत करके उनका समर्थन हासिल करने की नक्सलियों की रणनीति अब नाकाम हो रही है। संगठन को लोगों का समर्थन मिलना खत्म हो गया है। उसने नक्सली संगठन से जुड़े सभी युवाओं से अपील की कि वे सिद्धांतहीन हो चुके संगठन से छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हों। सरकार की सरेंडर पॉलिसी मुख्यधारा में लौटनेवाले नक्सलियों को बेहतर जीवन का गारंटी दे रही है। गौरतलब है कि सरायकेला- खरसावां जिला के चौका थाना अंतर्गत दारूदा गांव निवासी महाराज प्रमाणिक, मोबाइल लूट की घटना के बाद अपराध के रास्ते पर चला गया था, और देखते ही देखते नक्सलवाद की दुनिया का चर्चित चेहरा बन चुका था। झारखंड पुलिस ने महाराज पर 10 लाख के इनाम घोषित कर रखे थे। उसने शुक्रवार को रांची में आत्मसमर्पण की थी। महाराज प्रमाणिक के दस्ते के तीन सदस्य बैलून सरदार, सूरज सरदार और सूरज की पत्नी पुलिस के सामने पहले ही आत्मसमर्पण कर चुके हैं। महाराज प्रमाणिक के खिलाफ सरायकेला, पश्चिमी सिंहभूम, रांची, खूंटी के थानों में नक्सल से संबंधित कुल 119 कांड दर्ज हैं।