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सिंदूरदान कर मां दुर्गा से मांगी अखंड सौभाग्य का वरदान

सोमवार को विजयादशमी पर्व के अवसर पर सबसे पहले विजयादशमी पूजा की गई। उसके बाद सिंदूर दान उत्सव में महिलाओं ने उत्साह के साथ भाग लिया और मां दुर्गा से अखंड सौभाग्य का वरदान मांगा। सिंदूर दान उत्सव के बाद दर्पण विसर्जन का कार्यक्रम हुआ। इसके बाद मां दुर्गा मां महालक्ष्मी मां सरस्वती शंकर भगवान व महिषासुर की प्रतिमाओं को दरबार के आगे खुले चौक पर लगाया गया..

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 11:49 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 11:49 PM (IST)
सिंदूरदान कर मां दुर्गा से मांगी अखंड सौभाग्य का वरदान
सिंदूरदान कर मां दुर्गा से मांगी अखंड सौभाग्य का वरदान

जागरण संवाददाता, सरायकेला : सोमवार को विजयादशमी पर्व के अवसर पर सबसे पहले विजयादशमी पूजा की गई। उसके बाद सिंदूर दान उत्सव में महिलाओं ने उत्साह के साथ भाग लिया और मां दुर्गा से अखंड सौभाग्य का वरदान मांगा। सिंदूर दान उत्सव के बाद दर्पण विसर्जन का कार्यक्रम हुआ। इसके बाद मां दुर्गा, मां महालक्ष्मी, मां सरस्वती, शंकर भगवान व महिषासुर की प्रतिमाओं को दरबार के आगे खुले चौक पर लगाया गया। इस स्थल पर सिंदूरदान का उत्सव मनाया गया। सर्वप्रथम महिलाओं ने मां दुर्गा को सिंदूर लगाया और उनसे अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद लिया। सभी ने एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर विजयादशमी पर्व की बधाई दी। विजयादशमी के दिन बंगाली समुदाय में सिंदूर से होली खेलने की खास परंपरा है। मां दुर्गा को विदाई देने से पूर्व बंगाली समाज की महिलाओं ने सिंदूर की होली खेली। सुहागिन महिलाओं ने मां दुर्गा को सिंदूर लगाने के बाद बाद एक-दूसरे को सिंदूर लगाया। इस दिन महिलाएं मां दुर्गा को सिंदूर लगाकर अपने सुहाग की रक्षा की प्रार्थना करती हैं।

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