Move to Jagran APP

विकास में रोड़ा बने हैं कार्यपालक पदाधिकारी: मिनाक्षी पटनायक

जागरण संवाददाता, सरायकेला : नगर पंचायत के विकास कार्यो में कार्यपालक पदाधिकारी बाधक बनकर ब

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Sep 2018 06:35 PM (IST)Updated: Sun, 23 Sep 2018 06:35 PM (IST)
विकास में रोड़ा बने हैं कार्यपालक पदाधिकारी: मिनाक्षी पटनायक
विकास में रोड़ा बने हैं कार्यपालक पदाधिकारी: मिनाक्षी पटनायक

जागरण संवाददाता, सरायकेला : नगर पंचायत के विकास कार्यो में कार्यपालक पदाधिकारी बाधक बनकर बैठे हैं। अभी तक नगर पंचायत में जरूरत के मुताबिक विकास कार्य नहीं हुए हैं। उक्त बातें सरायकेला नगर पंचायत अध्यक्ष मिनाक्षी पटनायक अपने आवासीय कार्यालय में रविवार को पत्रकारों से कही।

loksabha election banner

उन्होंने कार्यपालक पदाधिकारी राजीव रंजन ¨सह पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये अधिकारी विकास में बाधक बने हैं। कार्यपालक पदाधिकारी के ओछी हरकत एवं लापरवाही के कारण नगर में समस्याओं के अंबार लगे हैं। नगर पंचायत की नालियां गंदगी से बजबजा रही है। चारों ओर कचरों के अंबार लगे हैं। नगर पंचायत के ग्रामीण क्षेत्र में सड़क एवं नालियों को निर्माण नहीं हो रहा है। पेयजल की गंभीर समस्या है। नगर की स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था चरमरा गई है। सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि नगर में विकास कार्य का बंदर बांट होना, कार्य में गुणवत्ता की कमी, आवंटित काम समय पर पूरा नहीं होना ये अधिकारी के शिथिलता का नतीजा है। उन्होंने कहा कि सारी समस्याओं के समाधान के लिए नगर पंचायत के नव निर्वाचित जनप्रतिनिधि 28 अप्रैल को शपथ लेने के बाद अबतक बोर्ड की चार बैठकें हो चुकी हैं, परंतु बैठक में पारित एक भी प्रस्ताव क्रियान्वित नहीं किया गया। इसका मुख्य जबावदेह नगर पंचायत में पदस्थापित कार्यपालक पदाधिकारी राजीव रंजन ¨सह हैं। इनकी ओछी हरकत विकास में बाधक बना है। कार्यपालक पदाधिकारी मोटी रकम की उगाही करने में तत्पर रहते हैं। उन्हें नगर के विकास में कोई रुचि नहीं है। इस कारण नगर में विकास कार्य ठप हैं।

नगर पंचायत अध्यक्ष ने बताया कि कार्यपालक पदाधिकारी नगर पंचायत में चल रहे विकास कार्यो का बिना स्थल निरीक्षण किए तथा अध्यक्ष को जानकारी दिए बिना मनमानी ढंग से नागरिक सुविधा मद से विपत्रों का भुगतान किया जा रहा है। यह नियम के विरुद्ध है। कार्यपालक पदाधिकारी ने दो माह पहले आठ लाख रुपये की लागत से फॉगिंग मशीन का क्रय किया। दो-तीन बार उपयोग के बाद ही मशीन खराब हो गई। यह जनता की राशि का दुरुपयोग है। चुनाव से पहले नगर पंचायत में स्ट्रीट लाइट की मरम्मत के लिए पांच लाख रुपये की निविदा हुई थी। परंतु कार्यपालक पदाधिकारी की मनमानी के कारण आज भी बहुत जगह पर स्ट्रीट लाईट खराब है। मुद्रादोहन के लिए ठेकेदार को विपत्र का भुगतान कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा मनमानी ढंग से आवश्यकता से अधिक कुड़ेदान का क्रय किया गया है। यह सरकारी राशि का दुरुपयोग है। कुड़ेदान का उपयोग नहीं हो रहा है। रखे गए कूड़ेदान की भी ठीक तरह से सफाई नहीं हो रही है। आवंटन व व्यय का हिसाब मांगने पर कार्यपालक पदाधिकारी हिसाब देने से इंकार करते हैं और जनप्रतिनिधियों को ही गलत साबित करने में लगे रहते हैं। यह नियम के विरुद्ध है। बोर्ड की बैठक में ठेके पर नियुक्त सहायक शिव शंकर ठाकुर को उनके कार्य में अनियमितता को देखते हुए कार्यमुक्त किया गया था। परंतु कार्यपालक पदाधिकारी ने निजी स्वार्थ के लिए उन्हें कार्यमुक्त नहीं किया। सात सितंबर की बोर्ड बैठक में निर्णय लिया गया था कि वैसे ठेकेदार जिन्होंने कालीकरण पथ निर्माण का काम समय पर पूरा नहीं किया है, उन्हें दस दिनों के अंदर पूरा करने का आदेश दिया गया था। काम पूरा नहीं करने पर उनका नाम काली सूची में डालने का प्रस्ताव पारित किया गया था। परंतु कार्यपालक पदाधिकारी की ओछी हरकत के कारण इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। स्वच्छता अभियान में अधिकारियों का साथ नहीं मिल रहा है। अधिकारी के कार्यप्रणाली की जांच होनी चाहिए। इस मौके पर वार्ड पार्षद सुजाता मोहांती, मीरा बारिक, अंजली राय, बलराम साहू, युगल तापे, वरुण साहू, गौतम नायक व सबता पटनायक उपस्थित थीं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.