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सदर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी शुरू

कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए सरायकेला स्थित सदर अस्पताल में रिसर्च स्विंग एडजोरवेंड ऑक्सीजन प्लांट लगाने की कवायद की जा रही है। प्लांट की स्थापना को लेकर गुरुवार को स्थल चयन कर मापी की गई..

By JagranEdited By: Published: Sat, 26 Jun 2021 06:00 AM (IST)Updated: Sat, 26 Jun 2021 06:00 AM (IST)
सदर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी शुरू
सदर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी शुरू

प्रमोद सिंह, सरायकेला : कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए सरायकेला स्थित सदर अस्पताल में रिसर्च स्विंग एडजोरवेंड ऑक्सीजन प्लांट लगाने की कवायद की जा रही है। प्लांट की स्थापना को लेकर गुरुवार को स्थल चयन कर मापी की गई। बताया गया कि डीआरडीओ के माध्यम से ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की जा रही है, जो कोरोना समेत ऑक्सीजन की आवश्यकता वाले मरीजों के लिए वरदान होगा। ऐसे होगा लाभ : ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड पर मीटर सिस्टम के माध्यम ले ऑक्सीजन की डायरेक्ट सप्लाई की जोगी। कोविड-19 के डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस ऑफिसर डा. जुझार मांझी, प्रभारी सिविल सर्जन सह सदर अस्पताल उपाधीक्षक डा. वारियल मार्डी व डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम मैनेजर निर्मल दास ने बताया कि प्रस्तावित ऑक्सीजन प्लांट से प्रति मिनट 500 लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन होगा। प्लांट से ऑक्सीजन पाइपलाइन से मेनीफोल्ड तक पहुंचाया जाएगा। इसके बाद पाइपलाइन से ऑक्सीजन की सप्लाई ऑक्सीजन सपोर्टेड बेडों तक की जाएगी। फिर मीटर के माध्यम से मरीजों को लगातार ऑक्सीजन प्रदान की जाएगी। सिलेंडर सिस्टम से मिलेगी मुक्ति : ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना होने के बाग ऑक्सीजन सिलेंडर की लंबी प्रक्रिया से निजात मिल जाएगी। ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराना, सिलेंडर खाली होने पर दूसरे ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था करना, अलग-अलग मरीजों के लिए अलग-अलग ऑक्सीजन सिलेंडर लगाने की प्रक्रिया से भी निजात मिलेगी। ऑक्सीजन प्लांट लगाने के बाद पाइपलाइन से ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड तक ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाएगी। पूर्व की घटनाओं से मिली सीख :

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कोरोना काल में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी के कारण कई घटनाएं घट चुकी हैं। ऑक्सीजन के अभाव में कई मरीजों की मौत हो चुकी है। ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता को लेकर हाय तौबा भी मचा। साथ ही ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन को भी काफी मशक्कत करनी पड़ी थी।


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