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पोस्टमार्टम कर्मी को मिलेंगे प्रति पोस्टमार्टम 275 रुपये

पोस्टमार्टम हाउस में कार्यरत कर्मी रामा मुखी को अब मानदेय के अलावे मिलेंगे 275 रुपये।

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Nov 2018 06:00 PM (IST)Updated: Fri, 09 Nov 2018 06:00 PM (IST)
पोस्टमार्टम कर्मी को मिलेंगे प्रति पोस्टमार्टम 275 रुपये
पोस्टमार्टम कर्मी को मिलेंगे प्रति पोस्टमार्टम 275 रुपये

जागरण संवाददाता, सरायकेला : पोस्टमार्टम हाउस में कार्यरत कर्मी रामा मुखी को अब मानदेय के अलावे प्रति पोस्टमार्टम दो सौ रुपये व सफाई के लिए 75 रुपये दिए जाएंगे। पहले रामा मुखी को केवल मानदेय के रूप में छह हजार रुपये मिलते थे। रविवार के दिन कोई पोस्टमार्टम होता है तो कटर को प्रति पोस्टमार्टम 225 रुपये व सफाई के लिए 75 रुपये दिए जाएंगे। उक्त निर्णय सिविल सर्जन डॉ. एएन डे की अध्यक्षता में हुई अस्पताल प्रबंधन समिति की बैठक में ली गई।

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पहले पोस्टमार्टम हाउस में कटर को पैसा नहीं मिलने के कारण मृतक के परिजनों से कटर द्वारा मनमानी रुपये की वसूली की जाती थी। इस दौरान कई बार मृतकों के परिजन अस्पताल में हंगामा भी कर चुके हैं। बैठक में निर्णय लिया गया कि पोस्टमार्टम हाउस में आउटसोर्स से दो स्वीपर की बहाली कर प्रशिक्षण देने के उपरांत रोस्टर के आधार पर काम लिया जाएगा। अब लोगों को पोस्टमार्टम के लिए कोई पैसा नहीं देना होगा। मौके पर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. बरियल मार्डी समेत अन्य उपस्थित थे।

पहले लगते थे पोस्टमार्टम के लिए पांच हजार

पहले मौत के बाद पुलिसिया कार्रवाई के तहत पोस्टमार्टम कराना एक जटिल समस्या थी। यह समस्या तब और बड़ी बन जाती है जब मौत किसी गरीब परिवार के सदस्य की होती थी। बीपीएल परिवार लिए विभिन्न योजना एवं सरकारी कार्यक्रम में अनुदान व आरक्षण का प्रावधान है परंतु सरायकेला सदर अस्पताल में बीपीएल परिवार के सदस्यों का पोस्टमार्टम में किसी तरह का कोई छूट नहीं है। पोस्टमार्टम के लिए पांच से दस हजार रुपये की मांग की जाती है। वह भी रोने-धोने और गिड़गिड़ाने के बाद पांच हजार रुपये में तय होती थी। पोस्टमार्टम मृतक के परिवार को ही कराना पड़ता है। सरायकेला पोस्टमार्टम हाउस में वर्षों से कोई कर्मचारी नहीं था। यहां गैर सरकारी व्यक्ति द्वारा चीर-फाड़ किया जाता है। पोस्टमार्टम में चीर-फाड़ करने के लिए पैसा पीड़ित परिवार से पारिश्रमिक के रूप में रुपये की मांग करते हैं। मजबूरन लोगों को मुंहमांगी रुपये देकर पोस्टमार्टम कराना पड़ता है।


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