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झारखंड के इस शहर में बिना डॉक्टर चल रहे नर्सिंग होम, स्वास्थ्य विभाग की छापामारी के बाद खुल गया पोल

स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के उपनिदेशक विरेन्द्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट के अंतर्गत सिविल सर्जन कार्यालय स्थित सभागार में निजी अस्पतालों के संचालकों के साथ बुधवार को बैठक आयोजित की गई। बैठक में राहुल प्रसाद सिंह राज्य समन्वयक के द्वारा क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के अंतर्गत अस्पताल संचालन के लिए आवश्यक सभी उपबंधों की जानकारी दी गई।

By Gurdeep Raj Edited By: Shashank ShekharPublished: Wed, 31 Jan 2024 05:16 PM (IST)Updated: Wed, 31 Jan 2024 05:16 PM (IST)
झारखंड के इस शहर में बिना डॉक्टर चल रहे नर्सिंग होम, स्वास्थ्य विभाग की छापामारी के बाद खुल गया पोल

जागरण संवाददाता, सरायकेला। स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के उपनिदेशक विरेन्द्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट के अंतर्गत सिविल सर्जन कार्यालय स्थित सभागार में निजी अस्पतालों के संचालकों के साथ बुधवार को बैठक आयोजित की गई।

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बैठक में राहुल प्रसाद सिंह, राज्य समन्वयक के द्वारा क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के अंतर्गत अस्पताल संचालन के लिए आवश्यक सभी उपबंधों की जानकारी दी गई।

बैठक के बाद जिला स्तरीय उड़न दस्ता दल के साथ उपनिदेशक, स्वास्थ्य विभाग की अध्यक्षता में डॉ. राहुल प्रसाद सिंह के नेतृत्व में खरसावां स्थित नूतन सेवा सदन अस्पताल एवं दुर्गमनी आरोग्यम क्लिनिक एंड नर्सिंग होम में छापामारी की गई। छापामारी के दौरान नूतन सेवा सदन अस्पताल में कोई भी चिकित्सक कार्यरत नहीं पाए गए और न ही कोई डिग्री धारी एलोपैथी चिकित्सक के अस्पताल में कार्य करने का साक्ष्य मिला।

बिना डॉक्टर चिकित्सा संस्थान चलाना गैरकानूनी- राहुल 

नूतन सेवा सदन अस्पताल के संचालक अजय कुमार मंडल से अस्पताल संचालन के लिए आवश्यक दस्तावेज, अग्नि विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र, प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र एवं जैव अपशिष्ट पदार्थों का निस्तारण के लिए एजेंसी से की गई एमओयू आदि की प्रति की मांग की गई जिसे अस्पताल के संचालक दिखाने में असमर्थ रहे। डॉ. राहुल ने बताया कि बिना चिकित्सक का चिकित्सा संस्थान का संचालन करना गैरकानूनी है, संचालक पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

दुर्गमनी आरोग्यम क्लिनिक एंड नर्सिंग होम में छापामारी के दौरान एकमात्र बुखार से पीड़ित शिशु भर्ती था इसके अलावा कोई रोगी इलाजरत नहीं पाए गए , ओपीडी विभाग में डॉ. एलके साहू ड्यूटी में थे , छापामारी दल द्वारा डॉ. एलके साहू से उनकी डिग्री के बारे में पूछा गया तो उन्होंने खुद को एमबीबीएस,जनरल सर्जन बताया परंतु जब सर्टिफिकेट दिखाने के लिए कहा गया तो तुरंत यू टर्न लेते हुए डॉ. एलके साहू ने कहा कि वह एक आयुर्वेदिक चिकित्सक है, परंतु एलोपैथी प्रैक्टिस करते हैं।

दुर्गमनी आरोग्यम क्लिनिक एंड नर्सिंग होम खरसावां के डॉक्टर डिस्प्ले बोर्ड में डॉ. एलके. साहू का नाम एलोपैथी चिकित्सक के रूप में दर्शाया गया है। उनकी डिग्री एमबीबीएस, जनरल सर्जन लिखा गया है। छापामारी दल के डॉ. राहुल प्रसाद सिंह ने बताया इस प्रकार की गलत सूचना जनता को गुमराह करने का षड्यंत्र होता है । इसमें अस्पताल और चिकित्सक दोनों बराबर के दोषी होंगे।

राहुल प्रसाद ने आगे क्या कुछ कहा 

दोनों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन भेजा जाएगा। डॉ. राहुल प्रसाद सिंह ने बताया कि सरायकेला- खरसावां जिला में छापामारी के लिए जिला स्तरीय उड़न दस्ता दल का गठन कर लिया गया है जिले में अवैध ढंग से संचालित अस्पतालों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए लगातार छापामारी की जाएगी, बिना निबंधन के संचालित अस्पताल, नर्सिंग होम, क्लीनिक, पैथोलॉजी, डायग्नोस्टिक सेंटर, अल्ट्रासाउंड सेंटर को तत्काल प्रभाव से सील करते हुए दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

छापामारी दाल में डॉ राहुल कुमार सिंह, राज्य समन्वयक, झारखंड, डॉ. अनिर्बन महतो, नोडल ऑफिसर, सीईए, डॉ. चंदन कुमार, दंत चिकित्सक सदर अस्पताल सरायकेला के साथ घनपत महतो सहायक के रूप मौजूद थे।

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