दैनिक जागरण ने लापता बेटी को मां से मिलाया, खुशी से छलकीं आखें
दैनिक जागरण में प्रकाशित तस्वीर और खबर से एक एक परिवार को उसकी लापता बेटी मिल गए है। युवती विक्षिप्त है और 28 नवंबर को बिना बताए घर से निकल गई थी।
प्रमोद सिंह, सरायकेला : दैनिक जागरण में प्रकाशित तस्वीर और खबर से एक एक परिवार को उसकी लापता बेटी मिल गए है। युवती विक्षिप्त है और 28 नवंबर को बिना बताए घर से निकल गई थी।
तीन दिसंबर को जागरण में प्रकाशित खबर और तस्वीर देखकर युवती के परिजन सरायकेला थानांतर्गत सीनी ओपी के लिए रवाना हो गए। यहां पहुंचकर बेटी को सुरक्षित देखकर खुशी से भर गए। वहीं पश्चिमी सिंहभूम जिले के जगन्नाथपुर थाना के प्रभारी मधुससूदन मोदक ने बताया है मंगलवार को दैनिक जागरण में समाचार देखने के बाद एएसआइ उमेश प्रसाद को गांव भेजा तो पता चला परिजन पहले बेटी को लाने के लिए रवाना हो गए हैं। इसके बाद थाना प्रभारी ने उमेश प्रसाद को भी सीनी ओपी रवाना होने का निर्देश दिया।
जानकारी के मुताबिक 28 नवंबर को सीनी ओपी अंतर्गत कदमबेड़ा टोला दोलुडीह की गायत्री उरांव को आदित्यपुर स्टेशन पर अनिता तिरिया मिली थी। गायत्री किसी काम से आदित्यपुर गई थी। लौटने के क्रम में अनिता को स्टेशन पर देखा और उसे साथ ले आई। इसकी जानकारी सीनी ओपी को भी उसने दी। जागरण के रिपोर्टर को भी सूचना होने पर प्रमुखता से इस खबर को प्रकाशित किया गया। अनिता पश्चिमी सिंहभूम जिले के जगन्नाथपुर थानांतर्गत कुदाहादु गांव की रहने वाली है। अनिता की मां वास्मती तिरिया ने बताया कि मंगलवार सुबह अखबार में समाचार पढ़ने के बाद तत्काल बेटी को लाने के लिए रवाना हो गई। परिजनों संग दोलुडीह पहुंची। यहां ओपी में जाकर लिखित आवेदन देकर अपनी पुत्री से मिली। पुलिस को लिखित आवेदन देते हुए वास्मती ने कहा कि 28 नवंबर से उसकी बेटी अनिता तिरिया लापता थी। मंगलवार को दैनिक जागरण में प्रकाशित समाचर से उसे जानकारी हुई कि उसकी लापता बेटी सीनी के दोलुडीह गांव में है। जिसे गांव की एक लड़की गायत्री उरांव ने आदित्यपुर स्टेशन से लाकर अपने घर में रखी है। पहले दोलुडीह पहुंची और गायत्री के साथ अपनी बेटी को लेकर सीनी ओपी पहुंची। सीनी ओपी प्रभारी रजत कुमार ने आवश्यक कार्रवाई करते हुए अनिता तिरिया को उसकी मां का सौंप दिया। इस मौके पर एक मां ने दैनिक जागरण का आभार जताया।
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दोलुडीह की गायत्री ने की देखभाल
सीनी ओपी अंतर्गत दोलुडीह गांव की गायत्री ने अनिता की देखभाल की। उसे सुरक्षित उसके घर तक पहुंचाया। गायत्री के मुताबकि 28 नवंबर को आदित्यपुर किसी काम से गई थी। लौटने के क्रम में आदित्यपुर स्टेशन पर अनिता को देखा। पूछताछ की तो समझ आ गया यह विक्षिप्त है। समाज के डर से उसे मैं अपने साथ दोलूडीह ले आई और सीनी ओपी को भी जानकारी दे दी।