झारखंड के इस जिले में चल रही नकली अंग्रेजी शराब की दर्जनों मिनी फैक्ट्रियां, लोकसभा चुनाव के लिए स्टॉक जमा कर रहे धंधेबाज
झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले में नकली अंग्रेजी ब्रांडेड शराब की दर्जन भर से ज्यादा मिनी फैक्ट्रियां चल रही है। इन फैक्ट्रियों में दिन-रात ब्रांडेड अंग्रेजी शराब बनाई जा रही है। इस नकली शराब को असली के गारंटी के साथ बेचा जा रहा है। अंग्रेजी ब्रांड की नकली शराब का संगठित उद्योग जिले में चलने लगा है। शराब कारोबारी पर्व त्योहारों में नकली शराब का स्टाक बढ़ा लेते हैं।
जागरण संवाददाता, सरायकेला। आनेवाले लोकसभा चुनाव को लेकर शराब कारोबारी नकली शराब का स्टॉक करने में लगे हैं। क्योंकि चुनाव के दौरान शराब की खपत बढ़ जाती है। सूत्रों की मानें तो, इन नकली ब्रांडेड शराब को हाइवे के होटलों, ढाबा व कुछ स्थानों पर लाइसेंसी दुकानों में भी कर्मचारियों की मिली भगत से खपाई जा रही है।
जिले में निर्माण होने वाली नकली अंग्रेजी शराब बिना किसी मापदंड के कारोबारी तैयार कर रहे हैं, जो जानलेवा भी साबित हो सकती है।
पिछले दिनों जहरीली शराब पीने से बिहार में 70, रांची में 20 से अधिक सहित पूरे झारखंड में इस शराब के कारण लोगों की मौतें हो चुकी है। इसके बावजूद नकली शराब निर्माता चंद रुपयों के खातिर लोगों के जीवन से खेल रहे हैं।
सरायकेला खरसावां जिले के बात करें तो, नीमडीह, ईचागढ़, चांडिल, चौका, खरसावां, राजनगर में नकली शराब की मिनी फैक्ट्री में पिछले दिनों उत्पाद विभाग ने छापामारी कर लाखों रुपये के नकली शराब को जब्त किया था।
इथाइल व मिथाइल में नहीं कर पाते हैं अंतर
उत्पाद विभाग के एक अधिकारी के अनुसार विभिन्न ब्रांडेड कंपनियां अपने लैब में उचित मात्रा में केमिकल व अन्य पदार्थों का इस्तेमाल कर कैमिस्ट की देखरेख में शराब का निर्माण करते हैं। शराब निर्माण में इथाइल (अल्कोहल) का उपयोग किया जाता है।
हालांकि, नकली शराब निर्माण करने वाले कारोबारी एथाइल व मिथाइल में फर्क नहीं कर पाते हैं जिसके कारण कभी कभी इथाइल के स्थान पर मिथाइल का उपयोग शराब बनाने में कर देते हैं, जो काफी जहरीला होता है।
दोनों को रंग भी एक जैसे ही होता है। जिससे लोगों की जान भी जा सकती है। इतना ही नहीं नकली शराब बनाने वाले फैक्ट्री में किस केमिकल का कितना उपयोग करना है इसकी जानकारी के अभाव में भी यह जहरीला साबित हो जाता है।
स्थानीय युवाओं से नहीं कराते मजदूरी
शराब कारोबारी को अपने पकड़े जाने व शराब फैक्ट्री का भंडाफोड़ होने का भय सताता है जिसके कारण वह स्थानीय युवकों को शराब फैक्ट्री में मजदूर के रुप में नहीं रखते। इसके लिए वे बिहार व दूसरे जिले से युवाओं को अपने फैक्ट्री में शराब निर्माण के लिए लाते हैं।
इन इलाकों हो चुकी बड़ी कार्रवाई
पिछले वर्ष सितंबर माह में चांडिल के रांगाटांड के नकली शराब फैक्ट्री में हुई छापामारी में भोजपुर जिला के शिकराहटा थाना के पनवारी गांव के रहने वाले राजेश कुमार एवं पूर्वी सिंहभूम जिले के सीतारामडेरा स्थित भुइयांडीह के सोनू कुमार को गिरफ्तार गया था। जहां से 220 पेटी नकली अंग्रेजी शराब जब्त किया गया था।
नीमडीह के बोनडीह में अगस्त 2023 में छापामारी कर 50 पेटी नकली अंग्रेजी शराब के साथ दीपक यादव व राकेश कुमार को उत्पाद विभाग ने गिरफ्तार किया था।
अगस्त माह में ही खरसावां के बोरडीह में छापामारी नकली शराब की 30 पेटी जब्त की गई थी। कारोबारी ने एक बंद स्कूल में ही शराब की फैक्ट्री खोल ली थी।
8 फरवरी 2024 को ईचागढ़ के खीरी गांव नकली शराब की मिनी फैक्ट्री क भंडाफोड़ उत्पाद विभाग ने किया था। टीम द्वारा सदानंद महतो के घर पर चल रही शराब की फैक्ट्री से 180 पेटी (1620 लीटर )अवैध शराब बरामद किया गया, जिनका बाजार मूल्य लगभग 13 लाख के करीब थी। मौके से पंचिंग मशीन, खाली बोतल, रैपर, स्प्रिट एवं सिंटेक्स के दो टंकी जब्त की।
क्या कहते हैं अधिकारी?
जिले में ब्रांडेड अंग्रेजी नकली शराब की फैक्ट्रियों के संचालन की सूचना मिलने पर उसे ध्वस्त किया जा रहा है और संचालक पर कार्रवाई भी की जा रही है। जिले के विभिन्न स्थानों पर दर्जन भर वैसे फैक्ट्रियों में छापामारी की गई है जहां ब्रांडेड नकली अंग्रेजी शराब बनाई जा रही थी।जहां से रैपर, स्र्पिट, खाली बोतल पंचिंग मशीन आदि भी जब्त किए गए हैं।
- अखिलेश कुमार, इंस्पेक्टर उत्पाद विभाग
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