Move to Jagran APP

Jharkhand Assembly Election 2019 : दो जून की रोटी के लिए पलायन की पीड़ा से कराह रहा सरायकेला Saraikela News

Jharkhand Assembly Election 2019. सरायकेला विधानसभा क्षेत्र के अधिकतर गांवों में युवा नहीं मिलेंगे। पांच साल में यहां रोजगार के साधन विकसित नहीं हुए।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 02:07 PM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 02:07 PM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019 : दो जून की रोटी के लिए पलायन की पीड़ा से कराह रहा सरायकेला Saraikela News
Jharkhand Assembly Election 2019 : दो जून की रोटी के लिए पलायन की पीड़ा से कराह रहा सरायकेला Saraikela News

सरायकेला, प्रमोद सिंह। Jharkhand Assembly Election 2019 सरायकेला विधानसभा क्षेत्र में किसी भी चुनाव में बेरोजगारी और पलायन आज तक बड़ा मुद्दा नहीं बन पाया है। कोई भी राजनीतिक दल चुनावी घोषणा पत्र में इस गंभीर मुद्दे को शामिल नहीं करता। जबकि विधानसभा क्षेत्र से हर साल हजारों बेरोजगार गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और दिल्ली आदि राज्यों के लिए पलायन करते हैं। दो जून की रोटी के लिए न सिर्फ अपनों को बल्कि मिट्टी को छोड़ देते हैं।

loksabha election banner

किसी तरह का रोजगार विकसित नहीं होने से यहां के युवा अपने भविष्य को लेकर बहुत ङ्क्षचतित हैं। राष्ट्रीय मुद्दों की जितनी भी बात कर लें, बेरोजगारी ही यहां का सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है। कहने के लिए यहां आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र है। जहां छोटे बड़े हजारों उद्योग हैं। इनमें विधानसभा क्षेत्र के राजनगर, गम्हरिया, एवं सरायकेला प्रखंड के हजारों युवा काम करते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि बड़ी संख्या में कारखाने बंद होने से बेरोजगारी बढ़ गई है। इस कारण लोग मजदूरी के लिए दूसरे राज्यों में पलायन को विवश हैं।

गर्मियों में गांंव हो जाते खाली

यहां गर्मियों के समय गांव के गांव खाली हो जाते हैं। गांव में युवा नजर नहीं आते। लोग रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में भटकते हैं। सरायकेला विधानसभा सीट 1952 में ही गठित हो चुकी थी। तब से लेकर अब तक कई दलों के विधायक रहे। इस क्षेत्र में सड़कों से लेकर अन्य विकास काम हुए, पर रोजगार के साधन विकसित नहीं हो पाए। इसी का नतीजा है कि इस क्षेत्र के लोग पलायन करने पर मजबूर हैं। बेरोजगारी के बाद यहां शिक्षा के क्षेत्र में कॉलेज तो है लेकिन अभी तक इसमें न व्याख्याता आ पाए और न ही बुनियादी सुविधाएं विकसित हो पाईं। इसी तरह यह जिले का पहला विधानसभा क्षेत्र है, जिसमें एक मॉडल स्कूल है, लेकिन बात करें शिक्षकों की तो अधिकतर पद रिक्त ही चल रहे हैं। अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी भी लोगों के लिए परेशानी खड़ी करती है। दरअसल, विधानसभा चुनावों के लिए मतदान में अब ठीक एक महीना का समय शेष बचा है। ऐसे में लोग यहां की प्रमुख मांगों को प्रत्याशियों के सामने रख रहे हैं।

सरायकेला विधानसभा

  •  प्रखंड व निकाय : सरायकेला, राजनगर, गम्हरिया, आदित्यपुर नगर निगम, सरायकेला नगर पंचायत
  •  कुल वोटर : 3,27,987
  •  पुरुष : 1,67,730
  •  महिला : 1,60,255

क्या कहते हैं युवा

  • रोजगार की तलाश में दर दर भटक रहा हूँ। यहां रोजगार नहीं मिल रहा। बैंगलोर मजदूरी करने गया था। वहाँ से वापस आने के बाद फिर बेरोजगार बैठे हैं।

- विजय कुमार आदित्य, कृष्णापुर

  • यहां रोजगार नहीं है। गांव के युवाओं के साथ हर साल दूसरे राज्यों में काम करने जाते हैं। हमारा खेतीबाड़ी भी नहीं है। दिहाड़ी मजदूरी से जीवन यापन करते हैं।

- मंगल लोहार, कालाझरना

  •  गांव में रहकर कुछ काम नहीं मिलता। इसलिए दूसरे राज्यों में पलायन करने को विवश हैं। यहां रोजगार की व्यवस्था हो तो बाहर कौन जाना चाहेगा। मजबूरी है, घर परिवार छोड़ कर पेट के खातिर बाहर जाना पड़ता है।

- जगदीश लोहार, गोविन्दपुर

  •  आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र बन्द होने से यहां के युवाओं के समक्ष रोजगार का संकट उत्पन्न हो गया। पलायन के शिवा और कोई चारा नहीं। क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी रोजगार के लिए कुछ नहीं करते हैं।

- डोबरो देवगम, गुलिया 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.