मांगों को लेकर एक बार फिर गोलबंद हुए शिक्षक
अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर प्राथमिक शिक्षक गोलबंद हुए और उपायुक्त कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया। उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा।
जागरण संवाददाता, सरायकेला : उपायुक्त कार्यालय परिसर में शनिवार को प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक दत्ता की अध्यक्षता में अपनी मांगों को लेकर अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया गया। इसमें शिक्षकों ने एकजुटता दिखाते हुए जिला स्तरीय समस्याओं का शीध्र निष्पादन के लिए उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को बीस सूत्री मांग पत्र सौंपा।
उपायुक्त कार्यालय परिसर में आयोजित धरना-प्रदर्शन के दौरान संघ ने गम्हरिया प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय आसनबनी में विगत दिन कथित असामाजिक तत्वों द्वारा विद्यालयी व्यवस्था में अनैतिक हस्तक्षेप से क्षेत्र में शैक्षिक सौहार्द, सामाजिक एवं सम्प्रदायिक समरसता अव्यवस्थित करने की सुनियोजित घटनाओं की पुनरावृति पर तत्काल रोक लगाने के लिए उपायुक्त के समक्ष मजबूती से पक्ष रखा।
संघ ने उपायुक्त से उक्त घटना के लिए भुक्तभोगी शिक्षक को दंडात्मक कार्रवाई से मुक्त करते हुए भविष्य में जान-माल की सुरक्षा की दृष्टिकोण से उन्हें गृह प्रखंड ईचागढ़ में स्थानांतरण करने की मांग की। धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम के उपरांत प्रदेश अध्यक्ष दीपक दत्ता की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मंडल ने उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को बीस सूत्री मांग पत्र सौंपा। संघ ने बीस सूत्री मांग को 31 अगस्त से पहले सरकारी स्तर पर सकारात्मक निष्पादन की अपेक्षा की। संघ ने चेतावनी देते हुए कहा कि मांगें पूरी नहीं होने पर प्रदेश के शिक्षक 31 अगस्त को राजधानी रांची की सड़क पर मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने की चेतावनी दी।
शिक्षक संघ ने बीस सूत्री मांग में कहा कि 31 अगस्त 2018 को तत्कालीन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में संघीय प्रतिनिधिमंडल की बैठक हुई थी। इसमें शिक्षा हित में विभिन्न मांगों के निष्पादन की दिशा में वार्ता हुई थी। कई अहम विदुओं पर सहमति बनी। सहमति के बावजूद कई मांगें लंबित हैं। संघ की मुख्य मांगों में ग्रेड-4 एवं ग्रेड-7 से वंचित सभी अहर्ताधारी शिक्षकों के लिए सरकारी कर्मियों के अनुरुप एमएसीपी प्रोन्नति दी जाए। नियमावली को वर्तमान स्वरुप में मंत्री परिषद से स्वीकृति देने के पूर्व विशेष रूप से सम्यक विचार व समीक्षा की जाए। झारखंड के शिक्षक व कर्मियों को एक जनवरी 2006 के बाद प्रोन्नति के उपरांत प्रोन्नत पद के आरंभिक प्रारूप पर वेतन निर्धारण किया जाए। नई पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की कार्रवाई की जाए। शिक्षकों को गृह प्रखंड या निवास स्थान से बीस किलोमीटर के दायरे में पदस्थापित किया जाए। शिक्षाहित में उत्क्रमित मध्य विद्यालयों में स्नातक प्रशिक्षित एवं प्रधानाध्यापकों का पद सृजित किया जाए। राज्य के सभी जिले में पदस्थापित कर्मियों को केंद्र के अनुरुप परिवहन भत्ता दिया जाए। 26 जून 2014 के पूर्व में निर्गत हिदी विद्यापीठ देवधर से उत्तीर्ण शिक्षकों को प्रोन्नति के लिए मान्य किया जाए।
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धरना-प्रदर्शन में शामिल शिक्षक
संध के जिला अध्यक्ष श्रीसिंह बास्के, महासचिव मानिक प्रसाद सिंह, वरीय सलाहकार चंद्रमोहन चौधरी, सुरेंद्र कुमार, अश्विनी मिश्रा, मनोज कुमार सिंह, देवेंद्र नाथ साव, शैलेंद्र सिंह, तरनी प्रसाद साहु, चित्तरंजन महतो, शैलेंद्र सिंह, अर्जुन सिंह, सानगी दोंगो, विनोद कुमार, साजन मिश्रा, अमीर कुमार राउत, राजेश कुमार नायक, सुदामा माझी, हरंद्र पाठक, बलराज हांसदा, रविद्र मछुआ, दिलीप कुमार गुप्ता, शैलेश तिवारी, अजित कुम्भकार, राजेश मिश्रा, गंगा सागर मंडल, खेलाराम बेदिया, संजय कुमार, सोमेन दास, अरुण वर्मण, गदाधर महतो, राउतु तिउ, हेमंत महतो, बुद्धेश्वर साहु, जोबा मंडल, मंजूषा महतो, अखलाकुल इस्लाम, संजय कुमार श्रीवास्तव, श्रीधर हलधर, श्रीधर कांत पारित, निखिल चंद्र कुमार, लक्ष्मण महतो, कमल कुमार, शंभू कुमार सिंह, बीरेन पाल, हरप्रसाद मुर्मु आदि