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सीएनटी व एसपीटी के रूप में हमें सुरक्षा कवच मिला : गीता कोड़ा

हमारे पूर्वजों ने भाषा जल जंगल जमीन की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी अब हमारी बारी है गीता कोड़ा

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Jul 2022 04:02 AM (IST)Updated: Fri, 01 Jul 2022 04:02 AM (IST)
सीएनटी व एसपीटी के रूप में हमें सुरक्षा कवच मिला : गीता कोड़ा
सीएनटी व एसपीटी के रूप में हमें सुरक्षा कवच मिला : गीता कोड़ा

सीएनटी व एसपीटी के रूप में हमें सुरक्षा कवच मिला : गीता कोड़ा

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संवाद सूत्र, राजनगर : हूल दिवस के अवसर पर सिंहभूम सांसद गीता कोड़ा ने गुरुवार को राजनगर मुख्य बाजार स्थित संथाल हूल के प्रेणता वीर शहीद सिद्धो-कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। इस मौके पर सांसद ने कहा कि अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ सिद्धो-कान्हू, चांद भैरव एवं फूलो झानो के नेतृत्व में 1855 में जल, जंगल जमीन की रक्षा के लिए कुर्बानी दी थी। आदिवासियों की यह लड़ाई स्वतंत्राता संग्राम की पहली लड़ाई थी। जिसमें हजारों की संख्या में हमारे पूर्वजों ने शहादत दी थी। हमारे पूर्वजों ने अपने पारंपरिक तीर धनुष के बल पर अंग्रेजों को नाकों चने चबावा दिए थे। उसी का परिणाम है कि हमें सीएनटी एवं एसपीटी एक्ट के रूप में हमें जल, जंगल जमीन की रक्षा लिए सुरक्षा कवच मिला। लेकिन आज हमें अपने जल जंगल और जमीन की रक्षा के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। हमारे पूर्वजों ने तो अपनी कुर्बानी देकर जल, जंगल, जमीन और हासा भाषा की रक्षा की। आज हमारी बारी है। हमें अपनी भावी पीढ़ी के लिए लड़ाई लड़नी होगी। गीता कोड़ा ने कहा कि सरकार जल ,जंगल, जमीन पर आदिवासियों को अपना हक देने का काम करे। जिलाध्यक्ष छोटराय किस्कू, सांसद प्रतिनिधि मोतीलाल गौड़, सांसद प्रतिनिधि विशु हेम्ब्रम, जिला महासचिव डोमन महतो, पीएस मेम्बर मनोज कुमार महतो, बनमाली सरदार, पप्पू राय, गुरुचरण पात्रो, बादल टुडू, जितेन महतो आदि उपस्थित थे।


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