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वर्तमान अर्थव्यवस्था में सहकारी व्यवस्था का होना अत्यंत आवश्यक : आचार्य संपूर्णानंद

कोविड गाइडलाइन का पालन कर वेबिनार के माध्यम से तीन दिवसीय प्रथम संभागीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सरायकेला-खरसावां जिले के गम्हरिया आदित्यपुर सीनी सरायकेला खरसवां चांडिल नीमडीह व आसपास के सभी आनंद मार्गी घर बैठे प्रथम संभागीय सेमिनार का लाभ ले रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 09:00 AM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 09:00 AM (IST)
वर्तमान अर्थव्यवस्था में सहकारी व्यवस्था का होना अत्यंत आवश्यक : आचार्य संपूर्णानंद
वर्तमान अर्थव्यवस्था में सहकारी व्यवस्था का होना अत्यंत आवश्यक : आचार्य संपूर्णानंद

जागरण संवाददाता, सरायकेला : कोविड गाइडलाइन का पालन कर वेबिनार के माध्यम से तीन दिवसीय प्रथम संभागीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सरायकेला-खरसावां जिले के गम्हरिया आदित्यपुर, सीनी, सरायकेला, खरसवां, चांडिल, नीमडीह व आसपास के सभी आनंद मार्गी घर बैठे प्रथम संभागीय सेमिनार का लाभ ले रहे हैं। सेमिनार के प्रथम दिन आनंदमार्ग प्रचार संघ की ओर से आयोजित प्रथम संभागीय सेमिनार में आनंदमार्ग के वरिष्ठ आचार्य संपूर्णानंद अवधूत ने सहकारी व्यवस्था विषय अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि वर्तमान अर्थव्यवस्था में सहकारी व्यवस्था (को-आपरेटिव) का होना अत्यन्त आवश्यक हो गया है। उन्होंने प्रउत प्रणेता पीआर सरकार द्वारा प्रतिपादित विकेंद्रित अर्थव्यवस्था के पांच सिद्धान्तों का जिक्र किया। पहला सिद्धांत के तहत सामाजिक आर्थिक इकाई के अंदर सभी प्रकार के संसाधन स्थानीय लोगों द्वारा गठित इकाई के माध्यम से ही संचालित किए जाएंगे। दूसरे सिद्धांत के तहत उत्पादन हमेशा मांग या खपत के आधार पर होना चाहिए न कि मुनाफे के आधार पर। तीसरे सिद्धांत के अनुसार, प्रत्येक वस्तु या उत्पाद का निर्माण व वितरण सहकारी समितियों (को-आपरेटिव) के माध्यम से होना चाहिए। चौथे सिद्धांत के अनुसार, सहकारी समितियों के स्थानीय उद्यमों में सिर्फ स्थानीय युवकों को ही नौकरी प्रदान की जाए। पांचवें सिद्धांत के अनुसार, जो वस्तुएं स्थानीय आधार पर निर्मित नहीं की जाती या उगाई जाती, उन वस्तुओं को स्थानीय बाजार से हटा दिया जाए, अर्थात आयात ही न किया जाए। अर्जुन पुस्तकालय ने चलाया जन जागरूकता अभियान : सरायकेला प्रखंड अंतर्गत मुरूप गांव स्थित अर्जुन पुस्तकालय के अध्यक्ष हेमसागर प्रधान के नेतृत्व में गांव के बच्चों व अभिभावकों के बीच वैश्विक महामारी कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के लिए जन जागरूकता अभियान चलाया गया। इस अभियान के तहत अध्यक्ष हेमसागर प्रधान ने बताया कि अभी कोरोना वायरस खत्म नहीं हुआ है।इससे बचाव के लिए एक मात्र उपाय वैक्सीनेशन ही है। उन्होंने अभिभावकों से स्वयं व अपने परिवार के सदस्यों को टीका लगवाने की अपील की। साथ ही यह भी कहा कि टीका लेने के बाद भी अपने नाक व मुंह पर मास्क का उपयोग करे, हाथ को साबुन से धोएं या सैनिटाइज करें, शारीरिक दूरी के निर्दे का पालन करें। मुरूप के ग्राम प्रधान जीत मोहन महतो ने छात्रों के भविष्य पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कोरोना वायरस का सबसे बुरा असर शिक्षा पर पड़ा है। उन्होंने बच्चों से स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए नियमित रूप से पठन-पाठन करने की बात कही। मौके पर भैरव प्रधान, माधव प्रधान, अश्विनी दास, शिबू प्रामाणिक, विकास प्रामाणिक, देवाशीष प्रामाणिक, मृत्युंजय प्रामाणिक, निरंजन प्रामाणिक, आशीष प्रामाणिक, धनंजय प्रामाणिक, संतोष महतो समेत कई उपस्थित थे।

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