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कोहिनूर स्टील प्लांट के संचालक पर प्राथमिकी

जिला खनन पदाधिकारी सन्नी कुमार व चौका थाना प्रभारी प्रकाश कुमार ने शनिवार को भुइयांडीह स्थित कोहिनूर स्टील प्लांट का निरीक्षण किया। जिला खनन पदाधिकारी ने बताया कि निरीक्षण के दौरान कोहिनूर स्टील प्लांट के प्रतिनिधि से लाइसेंस की मांग की गई..

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 May 2021 09:10 AM (IST)Updated: Sun, 23 May 2021 09:10 AM (IST)
कोहिनूर स्टील प्लांट के संचालक पर प्राथमिकी
कोहिनूर स्टील प्लांट के संचालक पर प्राथमिकी

जागरण संवाददाता, सरायकेला : जिला खनन पदाधिकारी सन्नी कुमार व चौका थाना प्रभारी प्रकाश कुमार ने शनिवार को भुइयांडीह स्थित कोहिनूर स्टील प्लांट का निरीक्षण किया। जिला खनन पदाधिकारी ने बताया कि निरीक्षण के दौरान कोहिनूर स्टील प्लांट के प्रतिनिधि से लाइसेंस की मांग की गई। परंतु उन्होंने झारखंड मिनरल प्रीवेंशन ऑफ इलीगल माइनिंग ट्रांसपोर्टेशन एंड स्टोरेज रूल-2017 के तहत खनिज विक्रेता लाइसेंस प्रस्तुत नहीं किया। इस क्रम में उन्होंने प्लांट के अंदर भंडारित खनिज के चालान की भी मांग की, परंतु प्लांट के प्रतिनिधि ने चालान प्रस्तुत नहीं किया। उन्होंने बताया कि आवश्यक कागजात उपलब्ध नहीं कराए जाने से यह स्पष्ट होता है कि प्लांट के संचालक ने झारखंड मिनरल प्रीवेंशन आफ इलीगल माइनिग ट्रांसपोर्टेशन एंड स्टोरेज रूल 2017 का उल्लंघन किया है। चौका थाना में प्लांट संचालक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। जालसाजों ने खाते से उड़ाए 59 हजार दो सौ आठ रुपये : बुधवार की सुबह एक फर्जी कॉल ने चांगुआ गांव के किसान विशेश्वर महतो के बैंक खाते को खाली कर दिया। 19 मई की सुबह लगभग 9-10 बजे के बीच विशेश्वर महतो के मोबाइल पर 7646057515 नंबर से कॉल किया गया था। कॉल करने वाले ने कहा कि मैं सरायकेला डीएसओ ऑफिस से बोल रहा हूं। आपके धान के दूसरे किस्त की राशि आपके बैंक खाते में ट्रांसफर नहीं हो पा रही है। कृप्या अपने एटीएम का 16 डिजिट नंबर दीजिए। विशेश्वर महतो ने तत्काल एटीएम का 16 डिजिट नंबर दे दिया। फिर चंद मिनटों में उनके बैंक खाते से 59,208 रुपये की निकासी हो गई। अब बैंक खाते में मात्र आठ रुपये शेष रह गए हैं। इसके बाद 20 मई को विशेश्वर महतो ने राजनगर थाना में इस मामले को लेकर लिखित शिकायत की। फिर 20-21 मई को राजनगर के 12-15 किसानों को उसी नंबर से कॉल आया। उन्हें भी ठगने की कोशिश की गई। परंतु अब किसान सतर्क हो चुके हैं। गांव का कोई भी किसान ठगी का शिकार नहीं हुआ। किसान दोबारा ठगी का शिकार न हों, इसलिए संबंधित किसान साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं, ताकि किसानों की मेहनत की कमाई बचायी जा सके।

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