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नक्सली महाराज प्रमाणिक के खुलासे के बाद ईडी सक्रिय, रडार पर सफेदपोश, ठेकेदार व कारोबारी

10 लाख के इनामी नक्सली महाराज प्रमाणिक ने पूछताछ में पुलिस को 117 लोगों के नाम का खुलासा किया है जो उसके साम्राज्य को संचालित करने में सहयोग करते थे। पिछले शुक्रवार को रांची में आत्मसमर्पण करने के बाद हार्डकोर इनामी नक्सली महाराज प्रामाणिक को शनिवार को सरायकेला जेल भेज दिया गया था।

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 06:00 AM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 06:00 AM (IST)
नक्सली महाराज प्रमाणिक के खुलासे के बाद ईडी सक्रिय, रडार पर सफेदपोश, ठेकेदार व कारोबारी
नक्सली महाराज प्रमाणिक के खुलासे के बाद ईडी सक्रिय, रडार पर सफेदपोश, ठेकेदार व कारोबारी

जागरण संवाददाता, सरायकेला : 10 लाख के इनामी नक्सली महाराज प्रमाणिक ने पूछताछ में पुलिस को 117 लोगों के नाम का खुलासा किया है, जो उसके साम्राज्य को संचालित करने में सहयोग करते थे। पिछले शुक्रवार को रांची में आत्मसमर्पण करने के बाद हार्डकोर इनामी नक्सली महाराज प्रामाणिक को शनिवार को सरायकेला जेल भेज दिया गया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, जेल भेजे जाने से पूर्व महाराज प्रामाणिक ने पुलिस को कई अहम जानकारी दी है। जानकारी के अनुसार, ईडी कार्रवाई करने की तैयारी में जुट गई है। बताया जा रहा है कि महाराज प्रामाणिक की सल्तनत को संचालित करने में सरायकेला, आदित्यपुर, जमशेदपुर, चाईबासा, रांची व खूंटी के कई नामचीन हस्तियों द्वारा फंडिग किया जा रहा था। फिलहाल महाराज से मिली जानकारी के बाद पुलिस ने 117 लोगों की सूची तैयार की है, जिसमें बिल्डर, कारोबारी समेत कई राजनेता भी शामिल है। नाम नहीं छापे जाने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि महाराज प्रामाणिक मूल रूप से छह माह पूर्व ही पुलिस की गिरफ्त में आ चुका था। मारे जाने के डर से उसने पुलिस को कई अहम जानकारी दी थी। इसके बाद राज्य की पुलिस उसे सरकारी मेहमान बनाकर कई राज उगलवाने में सफल रही। जिसके परिणामस्वरूप एक करोड़ के इनामी नक्सली नेता प्रशांत बोस व उसकी नक्सली पत्नी शीला मरांडी समेत चार अन्य नक्सलियों की गिरफ्तारी हुई। इसके अलावा पुलिस को कई नक्सलियों के नाम और लेवी की जानकारी मिली है, जिस पर राज्य पुलिस व ईडी की कार्रवाई चल रही है।

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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, महाराज प्रामाणिक ने जिन 117 लोगों के नाम का खुलासा किया है, वे नक्सली संगठन को लेवी देते थे। साथ ही लेवी वसूलने से लेकर नक्सली पोस्टर चस्पा करने, लोगों को नक्सली प्रशिक्षण कैंप तक लाने, लेवी के पैसों को ठिकाने लगाने, कैंप तक खाना पहुंचाने, मुखबिरी करने में शामिल हैं। 117 लोगों की सूची में सबसे बड़ा नाम एक नेता का है, जिस पर आरोप है कि वह नक्सली संगठन तक ठेकेदारी का पैसा पहुंचाता था और लेवी का पैसा भी अपने पास रखता था। इसके अलावा आदित्यपुर के एक ठेकेदार पर ठेकेदारी का पैसा पहुंचाने, जमशेदपुर के दो ठेकेदारों पर लेवी का पैसा व सामान पहुंचाने, उरमाल के एक सफेदपोश पर मुखबिरी करने, नक्सलियों को शरण देने व लेवी पहुंचाने का आरोप है। वहीं खरसावां के एक बड़े ठेकेदार का नाम भी सामने आया है। फिलहाल ईडी 117 लोगों की सूची के आधार पर जांच कर रही है।


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